तिल-तुष- भाव!
तिल-तुष- भाव An attitude of non-attachment. भेदज्ञान होने पर अनासक्ति या निर्ममत्व भाव (दिगम्बर साधु तिल – तुष मात्र भी परिग्रह नहीं रखते)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिल-तुष- भाव An attitude of non-attachment. भेदज्ञान होने पर अनासक्ति या निर्ममत्व भाव (दिगम्बर साधु तिल – तुष मात्र भी परिग्रह नहीं रखते)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिर्यक् प्रतर Square of Raju (a measurement unit). राजू – राजू। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिर्यचगति नामकर्म प्रकृति A type of karmic nature causing Tiryanch Gati. वह कर्म जिसके उदय से तिर्यंच की पर्याय में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिक्त रस Pungent flavour, bitter in taste. कडुवा रस या स्वाद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ऋष्मिण्डन यंत्र A metallic plate engraved with auspicious and mystic words. ऋषिमण्डल स्तोत्र पर आधारित एक यंत्र विशेष ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्ष नय – Saapeksha Naya. A standpoint related to relativity. सापेक्ष नय वस्तु स्वरूप हैै जो सम्यक है एवं स्व व पर के उपकार के लिये होता है।
ऋजुमनस्कृतार्थज्ञ One having telepathic knowledge related to mental activities. मन के द्वारा किये जाने वाले कार्य को ऋजुमति मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधु पूजा – Saadhu poojaa. Worshipping of Jaina saints. श्रावक के षट्कर्तव्यों में गुरूपास्ति नाम का एक कर्तव्य, देव गुरू, यति का पूजारूप धर्मानुराग इत्यादि ।