प्रश्नव्याकरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रश्नव्याकरण- द्वादषांग श्रुतज्ञान का दसवां अंग; जिसमें युä अिैर नयों के द्वारा अनेक प्रष्नों का उत्तर दिया गया है। Prasnavyakarana- A type of scriptural knowledge pertaining to answering the question
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रश्नव्याकरण- द्वादषांग श्रुतज्ञान का दसवां अंग; जिसमें युä अिैर नयों के द्वारा अनेक प्रष्नों का उत्तर दिया गया है। Prasnavyakarana- A type of scriptural knowledge pertaining to answering the question
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्ति – पदार्थो को सिद्ध करने के लिए प्रयुक्त हेतू अथवा साधन। Yukti-Device, Stratagem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुफणा- बहुत सारे फण सहित। जैसे-शत या सहस्त्रफण वाले पाश्र्र्नाथ भगवान की प्रतिमाए। Bahuphani – Multi-headed
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == त्याग : == ण हि णिरवेक्खो चागो, ण हवदि भिक्खुस्स आसयविसुदी। अविसुद्धस्स हि चित्ते, कहं णु कम्मक्खओ होदि।। —प्रवचनसार : ३-२० जब तक निरपेक्ष त्याग नहीं होता है, तब तक साधक की चित्तशुद्धि नहीं होती है और जब तक चित्तशुद्धि (उपयोग की निर्मलता) नहीं होती है, तब तक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्ष – पद्पुरण के अनुसारसिताल्नाथ भगवन के दीक्षा वृक्ष का नाम ” महापुराण के अनुसार ये वृक्ष बेल का है ” Plaksa- Name of the initiation tree of lord Sheetalnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नचतुश्टय – बलभद्र के चार रत्न, रत्नमाला, गदा हल और मूसल Ratnacatustaya-Four jewels of Balbhadra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संक्रमण – Sankramana. Transition of Karmic nature. कर्म प्रकृतियों का बदलकर अन्य प्रकृति रूप हो जाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुयुध्द – Bahuyuddha. Combat, a non – violenceful fighting with the strength of arms between two person. दो वक्तियों के बीच भुजाओं से होने वाला युद्ध ” यह अहिंसक युद्ध युग की आदि मे सबसे पहले भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत – बाहुबली के बीच में हुआ था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकोच – Sankoca. Narrowness, Contraction. सिकुड़ना, संक्षेपण, सहमना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination