लाट!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाट – गुजरात के प्राचीन काल मे तीन भाग थे। उसमें से गुजरात का मध्य व दक्षिण भाग लाट कहलाता था। Lata-South and middle part of Gujrat state (of ancient time)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाट – गुजरात के प्राचीन काल मे तीन भाग थे। उसमें से गुजरात का मध्य व दक्षिण भाग लाट कहलाता था। Lata-South and middle part of Gujrat state (of ancient time)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निदान-भोगों की तृष्णा से पीडित होकर रातदिन आगामी भोगों को प्राप्त करने की ही चिन्ता करते रहना निदानज नामक आर्त्तध्यान है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सूक्ष्म- स्कंध के 6 भेदों में एक भेद; जो स्कंध आँखें से तो देखे जाते हैं किंतु जिनका ग्रहण शक्य नहीं है। जैसे-छाया, धूप, चाँदनी आदि। Badara Suksma- Gross fine bodies like shadows, sunlight etc. which can be seen but cannot be caught
आहार वर्गणा Physique making Karmic nature causing complete formation of the body. देखें-आहारक वर्गणा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रस्तर- स्वर्ग लोक के श्रेणीवद्ध और प्रकीर्णक विमान प्रस्तर कहलाते हैं, एक विधा; इससे षिला उत्पन्न करके उससे किसी को ढ़का या दवाया जा सकता है। Prastara- Stratum, sequential & scattered heavenly abodes, a kind of super power of producing a heavy stone for covering something
उत्तरेन्द्र Name of Indras. भवनवासी व्यंतर देवों के दो-दो इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र एंव 16 स्वर्गों के 12 इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशांति क्रिया- गर्भान्वय की एक क्रिया; अपने पुत्र को गृहस्थ का भार सौपकर विरä विरत्त हो धर्म का पालन करते हुए शांत वृत्ति से रहना। Prasanti Kriya- An auspicious & sacred act of entrusting homely responsibilities to the son for engaging in religious observances
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्यान्धकार–Mithyaandhkaar. Darkness of ignorance. अज्ञान–अंधकार”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बघेरवाल- जैनों की 84 जातियों में से एक जाति का नाम। Baghervala- name of a jaina caste