सहवास!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहवास- Sahavaasa. Cohabitation. स्ंगति । साथ-साथ रहना ।
दत्ति कर्म Some religious duties of householders. गृहस्थों का कर्तव्य । चार तरह का दान देना। पात्रों को भक्ति से एंव दुखियों को दया से। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राप्य कर्म- कर्ता के द्वारा बिना किसी विकार आदि के पदार्थ की प्राप्ति करना। Prapya Karma- Easily attainment of object
फाहियान Name of a Chinese tourist who came to India and reside for the period of 402-405 AD. एक चीनी यात्री जो ई. 402 में भारत आया एंव 405 तक भारत में रहा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणातिपातिकी क्रिया- जीवों की इन्द्रिय आदि प्राणों का या एक दो आदि प्राणों का घात करना प्राणतिपातिकी क्रिया है। PranapatikiKriya- damaging any of the senses or vitalities of beings
त्रिमूढता Three faults in right faith. सम्यग्दर्शन के 25 दोषों में 3 दोष । लोक मूढता, देवमूढता, गुरूमूढता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य धर्मध्यान Religious observances of lowest kind. उत्तम, माध्यम , जघन्य में धर्मध्यान का तीसरा भेद . यह चौथे -पांचवे गुणस्थान में घटित होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रागभाव- पूर्व पर्याय में वर्तमान पर्याय का जो अभाव है उसे प्रागभाव कहते है। जैसे- आटे मे रोटी का अभाव। Pragabhava- Prior non-existence of something
तत्वसमीक्षा Name of a commentary book written by Vachaspati Mishra. वेदांत साहित्य प्रवर्तक वाचस्पति मिश्र (ई. 840) की व्रह्मसिद्धि पर लिखी समीक्षा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]