देवताभास!
देवताभास A false appearance of deities. देव का आभास देव न होते हुए भी देव जैसा लगना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवताभास A false appearance of deities. देव का आभास देव न होते हुए भी देव जैसा लगना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायोपगमन मरण- समाधिमरण का उत्कृश्ट रुप; ऐसा समाधिकरण करना जिसमें न तो आप अपना इलाज करें न दूसरे से करवें प्रत्युत् ध्यान में लीन रहें। Prayapagamana Marana- Faultless voluntary great and holy death
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथ – प्राचीन काल का प्रसिद्ध वाहन, इसमे हाथी घोडे जोते जाते थे। युद्ध के समय राजा इस पर आरूढ होकर समपरांगण मे जाते थे। वर्तमान में रथ पर भगवान विराजमान करके रथ यात्रा निकाली जाती है। Ratha-Chariot
जिनसेन- आप आ0 भीमसेन के शिष्य तथा शांति सेन के गुरु थे समय ई.श. 7 अन्न । पुन्नाह संघ की मुर्वावली के अनुसार आप श्री कीर्तिषेण के शिष्य थे। कृति- हरिवंश पुराण वीरसेन स्वामी के शिष्य बागर्भ दिगम्बर। कृतिये-अपने गुरु की 20000 श्लोक प्रमाण अधुरी जयधवला टीका को 40000 श्लोक प्रमाण अपनी टीका द्वारा पूरा…
देवदर्शन Paying reverence to Lord- Arihant with proper procedure. जिनेन्द्र भगवान का विधिपूर्वक दर्शन करना, जिससे करोड़ों उपवास का फल प्राप्त होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रात्ययिकी क्रिया- आस्त्रव की 25 क्रियाओं में एक क्रिया; इंद्रिय योग्य नई-नई सामग्री जुटाना। PratyayikiKriya- Collection of household article
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणपीड़न- हिंसा, प्रमाद योग से किसी जीव के प्राणों को पीड़ा देना। Pranapirana- Violenceful activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
झ The nineth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का नवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान तालु है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहु- मतिज्ञान का एक भेद। बहुत सी वस्तुओं को एक साथा जान लेना। Bahu- A type of sensory knowledge (Knowing many thing at a time)