गणिमान!
गणिमान Counting. लौकिकमान. एक-दो-तीन आदि गणना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृत्य तप –Vaiyavrttya Tapa Pious service of 10 types of saints by another saints, a kind of internal austerity. तीसरा अंतरंग तप, १० प्रकार के साधुओं की यथायोग्य सेवा करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पात्र – Satpaatra. Reverential persons (perfect to get donation). जिनको दान दिया जाता है, ऐसे सत्पात्र, कुपात्र, अपात्र रूप तीन पात्रों में से एक ” सत्पात्र के तीन भेद हैं- 1. उत्तम सत्पात्र- नग्न दिगम्बर साधु, 2. मध्यम सत्पात्र- आर्यिका, क्षुल्लक, ऐलक तथा प्रतिमाधारी श्रावक, 3. जघन्य सत्पात्र- व्रत रहित सम्यग्दृष्टि श्रावक “
गंगकीर्ति Name of a Bhattarak (learned person). नंदी संघ बलात्कार गण के वारां गद्दी के एक भट्टारक । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतमुख – Bhutmukha. Name of a dominion ‘Shield’ of Chakravati(em-peror) Bharat & Lord Aranath. चक्रवर्ती भरत तथा भगवान अरनाथ का अस्त्र (ढाल) यह भूतों की मुखाकृतियों से चिन्हित होता था “
खांड Unrefined and uncrystallized sugar. कच्ची शक्कर, शुभ(पुण्य) कर्म प्रकृतियों के द्विस्थानीय अनुभाग का उदाहरण । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसेन –Virasena Name of the disciple of Ramsen, Name of the disiciple of Brahmasen. माथुरसंघ के अनुसार रामसेन के शिष्य और आचार्य देवसेन के गुरु ” समय – ई. ८८३ –९२३ ” लाड़बागड़ गच्छ के अनुसार ब्रम्हसेन के शिष्य और गुणसेन के गुरु थे ” समय – ई. १०४८ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिद्रा – संसारी जीव जिसमे जागता है उस दषा में यागी का रात मानकर साना अथवा अल्पकाल मे साधुओ का षरीरश्रम को दून करने के लिए निद्रा लेना। Yoganidra-A kind of meditatory sleep
उदीरणा व्युच्छित्ति Lack of fruition of karmas. जिन कर्मों की उदीरणा किसी गुणस्थान तक हो आग न हो उदीरणा का अभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
खरतरगच्छ A group of shvetambar Jain saints. श्वेताम्बरों के विविध गच्छों में एक । [[श्रेणी:शब्दकोष]]