एकेन्द्रिय!
एकेन्द्रिय Beings – having one sense. जिसके मात्र स्पर्शन इन्द्रिय है, पाँच स्थावर जीव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकेन्द्रिय Beings – having one sense. जिसके मात्र स्पर्शन इन्द्रिय है, पाँच स्थावर जीव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवक्त्र – Suvaktra. One with beautiful face, Name of a vidyadhar king. सुन्दर मुखवाला, एक विद्याधर यह विनमि का वंषज था । विद्युन्मुख का पुत्र और विद्युददंष्ट्र का पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरतिचारता – Niratichaarataa. State of faultiessness, state of non-transgression, Non- Violation. निरतिचार या निर्दोषताका भाव निरतिचारता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगवक्रता – मन वचन काय की कुटिलता। Yogavakrata-Crookedness in activities of mind, speech & body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोक विचय – Lok Vishya:. Contemplation about the shape of Teen Lok (Three world), Madhya Lok(middle world) etc. तीन लोक के आकार का ,मध्यलोक के आकारादि का चिंतन लोक विषय धर्मध्यान कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमुद्रा – पल्संकासन, पर्यकासन और वीरासन इन तीनो मे से किसी भी आसन के साथ, बाए हाथ की हथेली पर दाए हाथ की हथेली रखकर ध्यानावस्था में बैठना। Yogamudra-A cross legged posture of meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमुखी – Sumukhee. A beautiful lady, Name of the 49 th city in the south of Vijayardha mountain. सुन्दर मुख वाली स्त्री, विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी की 49 वीं नगरी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक ॠध्दि – Parinamika Rddhi. A type of supernatural power. बुध्दिॠध्दि के १८ भेदों में १५वें भेद अष्टांग महानिमित्त के तीन भेदों में तीसरा भेद- जिसके प्रभाव से निज- निज जाति विशेषों में बुध्दि उत्पन्न होती है (धवला पुस्तक ९ से) “