चरणसार!
चरणसार A book written by Acharya Padmanandi. चारित्रसार ; आचार्य पद्मनंदि (ई. श.. ११ उत्तरार्ध) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चरणसार A book written by Acharya Padmanandi. चारित्रसार ; आचार्य पद्मनंदि (ई. श.. ११ उत्तरार्ध) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधितंत्र टीका – Samaadhitantra Teekaa. Name of a commentary book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-1020) कृत संस्कृत टीका।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोधचरित्र – वादिराज द्वि ई 1010 – 1065 कृत, कवि पùनाथ ई 1405 – 1425 कृत, सकलकीर्ति ई 1406 – 1442 आदि विद्वानो द्वारा इस विशय के कइ ग्रन्थ रचे गए है। Yasodharacaritra-A character portrayal by many writers
चित्रकारपुर A city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चांडाल The untouchables, a sinful person (used as a rebuke) pertaining to the obstacle in saint-food. अस्पर्श शुद्र , चाण्डालादि के दिख जान एपर या उसका शब्द कान में पद जाने पर आहार में अन्तराय हो जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समवसरण – Samavasarana. Assembly of Lord Arihant, the place of resonant preaching of Lord Arihant. तीर्थकर की घर्मसभा को समवसरण कहते है। जहां समस्त स्त्री-पुरुष पशु-पक्षी, और देवी-देवता समान भाव से भगवान का उपदेष सुनते है अथवा जहां सभी भव्य जीव तीर्थकर की दिव्यध्वनि के अवसर की प्रतीक्षा करते है वह समवसरण है। सौधर्म…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिर्वाणसाधनाक्रिया – गर्भान्वय की एक क्रिया, अन्तिम अवस्था प्राप्त हो जाने पर साधु द्वारा षरीर आहारदि से ममत्व छोडकर पंचपरमंेही का ध्यान करना। Yoganirvana Sadhana Kriya-Aversion from the life for getting salvation, an auspicious activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभनंदि – Shubhanandi. A great saint well-versed in ‘Shat Khandagam’, the spiritual teacher of Bappdev. बप्पदेव के शिक्षा गुरु तथा षटखण्डागम के ज्ञाता, रविनंदि के सहचर ” समय ई.श. 1 “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भण्डार – Bhandara. Place of storage, store. वस्तु संग्रह का स्थान “