सदवस्था रूप उपशम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदवस्था रूप उपशम – Sadavasthaa Roopa Upshama. Karmas to be matured in future. वर्तमान काल को छोड़कर आगामी काल में उदय में आने वाले कर्मों का सत्ता में रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदवस्था रूप उपशम – Sadavasthaa Roopa Upshama. Karmas to be matured in future. वर्तमान काल को छोड़कर आगामी काल में उदय में आने वाले कर्मों का सत्ता में रहना “
देवत्रिक Triplet of Karmic nature related to celestial body form . देवगति , देवायु , देवगत्यानुपूर्वी[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मोत्तर (पटल) – Brahmottara (Patala). Name of the 4th Patal (layer) and Indrak Viman of Brahma. ब्रह्म स्वर्ग का चौथा पटल व इंद्रक विमान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वचतुष्टय – Svacatustaya. A quartel related to the nature of matter.द्रव्य के स्वभाव भूत द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव स्वचतुष्टय है।
जयपुर Name of a city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वाद – Syaadvaada. A doctrine of many fold standpoints or possibilities in describing a matter.अनेकान्तमयी वस्तु का कथन करने की पद्वति स्याद्वाद है अथवा स्यात् का अर्थ है सापेक्षा या कथंचित् एवं वाद का अर्थ है कथन, अतः अनेक धर्मात्मक वस्तु के प्रत्येक धर्म का सापेक्ष रुप से कथन करने की शैली का नाम…
जनपद A territory of a country, a populated place. देश का एक आबाद भाग ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादनेकत्व – Syaadanekatva. To have different characteristics in a matter (in some aspect).एक ही द्रव्य मे अनेक स्वभावो की उपलब्धि होना इससे द्रव्य कंथचित् अनेक स्वभावी कहलाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधु समाधि – Saadhu Sangha. Group of Jaina saints (with Muni, Aryika, Shravak & Shravika). 16 कारण भावनाओं में भावना । बाहय व आभ्यंतर कारणों से साधु-संघ के तपष्चरयण में विघ्न आने पर संघ की रक्षा करना ।