द्रव्यशुद्धि!
द्रव्यशुद्धि To make the body pure with water etc. means. जल आदि से शरीर की शुद्धि करना, ज्वरकुक्षिरोग, शिरोरोग, कुत्सित स्वप्न, रूधिर, विष्ठा, मूत्र, लेप, अतिसार आदि का शरीर में न रहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्यशुद्धि To make the body pure with water etc. means. जल आदि से शरीर की शुद्धि करना, ज्वरकुक्षिरोग, शिरोरोग, कुत्सित स्वप्न, रूधिर, विष्ठा, मूत्र, लेप, अतिसार आदि का शरीर में न रहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिकत–Muktikant. Salvated one. सिद्धभगवान्, जो उपमा अलंकर के अनुसार मुक्तिरुपी कन्या के पति होते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखमाण्ड–Mukhmaand. Rein used to ontrol the horses. घोड़ो की लगाम, इसेघोड़ो के मुख में रखकर उन्हें नियंत्रण में रखा जाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासुदेव – Vaasudeva.: Another name of Shri Krishna. श्री कृष्ण का अपरनाम “
द्रव्य मन Objecive mind. जो हृदय स्थान में आठ पँखुडी के कमल के आकार वाला है, तथा अंगोंपांग नाम कर्म के उदय से मनोवर्गणा के स्कन्ध से जो उत्पन्न हुआ है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वारना – Vaaranaa.: Wavering of lamp in repeated series of circles in reverence i.e. to perform the ceremony of Arti. दीपक से अवतरणविधिपूर्वक आरती उतारना “
द्रव्य निर्विचिकित्सा Not to hate the dirty-bodied Jain saints. दिगम्बर जैन साधुओं के मलिन शरीर को देखकर ग्लानि न करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्यार्थिक नय – Shuddhadravyaarthika Naya. A viewpoint related to real entity or realness of matters. जो शुद्ध द्रव्य के अर्थरूप से आचरण करता है वह शुद्ध द्रव्यार्थिक नय है ” जैसे शुद्ध नय की अपेक्षा से जीव एक तथा शुद्ध है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनर्वसु – Punarvasu. Name of a lunar. २७ नक्षत्रों में एक नक्षत्र, अभिनन्द्ननाथ भगवान के गर्भ एवं जन्म नक्षत्र का नाम “
द्रव्य कर्म Gyanavaran etc. 8 Karmas are called Dravya Karma. ज्ञानावरण आदि आठों कर्मों को द्रव्य कर्म कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]