भावशक्ति!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशक्ति – Bhavasakti. Power of thinking. जीव की एक शक्ति; वर्तमान अवस्था (पर्याय) सहितरूप भाव शक्ति है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशक्ति – Bhavasakti. Power of thinking. जीव की एक शक्ति; वर्तमान अवस्था (पर्याय) सहितरूप भाव शक्ति है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितर्क – Vitarka.: Argument or to make arguments. श्रुत “विशेषरूप से ऊहा या तर्कणा करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंत्र दोष: A type of saint’s fault related to obtaining food by giving temptation of some mystic word. दाता को मंत्र की महिमा बताकर और मंत्र देने की आशा दिलाकर यदि साधु आहार प्राप्त करें तो वह मंत्रदोष कहलाता हैं एवं आहार देने वाले के द्वारा व्यंतरादिदेवों को विद्या तथा मंत्र से बुला…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजया – Vijayaa.: Mother’s name of Tirthankar (Jain-Lord) Ajitnath,Name of the female demigod of Jain-Lord Aranath. तीर्थंकर अजितनाथ की माता राजा जितशत्रु की रानी ,भगवान अरहनाथ की शासन देवी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगलाव्रत: Name of a summit of Saumnasa mountain and its protecting deity. सौमनस पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव “
ण The fifteenth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी लिपि का पन्द्रहवाँ व्यंजन अक्ष्सार, इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयकीर्ति – Vijayakirti.: Name of a spiritual teacher of Nandi group (the disciple of Gyanbhushan). नंदिसंघ बलात्कारगण ईडर गद्दी में ज्ञानभूषण के शिष्य तथा शुभचन्द्र के गुरु “समय –वि. 1552 – 1570 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदृश तद् उपचार – Sadrisha Tad Upachaara. A type of wrong interpretation for one or addressing one wrongly (a type of conventional or figurative usage). एतद्वान मे तत् का उपचार। गाड़ी वाले पुरुष को गाड़ी कहना या लाठी वाले पुरुष को लाठिया कहना।
देवयश Name of the 19th Teerhankar (Jaina Lord) of Videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित 19 वें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रिया –Vikriyaa.: Super power of transforming body into different shapes (tiny,big,light or heavy). छोटा,बड़ा,हल्का,भारी आदि अनेक प्रकार का शरीर बना लेना ” पृथक्-अपृथक् विक्रिया इसके दो भेद हैं ” देव और नारकियों में यह स्वभाव से ही होती है “