पंच अस्तिकाय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अस्तिकाय – Pancha Astikaaya. Five kinds of universal entities. जीव, पुदगल, धर्म, अधर्म और आकाश यें पांच अस्तिकाय कहलाते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अस्तिकाय – Pancha Astikaaya. Five kinds of universal entities. जीव, पुदगल, धर्म, अधर्म और आकाश यें पांच अस्तिकाय कहलाते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्य – Vidha. Type, Part, manner, Pierce. प्रकार, भेद, छेद, अंश, पर्याय, भाग भंग, आदि शब्द एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुंज – Pumja. Accumulation, Offering of fistful rice before the Jaina Lord. समूह, भगवान के सामने बंधी मुठ्टी से चावल चढ़ाना पुंज कहलाता है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाच्छंद श्रोता–Yathachchhand Shrota. Self–willed type of listener. श्रोता का एक प्रकार” स्वच्छंद प्रवत्ति करने वाला श्रोता जिसे विद्या देना संसार व भय को ही बढ़ाना है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म सूक्ष्म स्कंध – Sukshma Sukshma Skandha. Aggregate of two particles of a matter. पुदगल के मात्र दो परमाणु रूप स्कंध को सूक्ष्म सूक्ष्म स्कंध कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विध्दण (कवि) – Viddhanu (Kavi). Name of a poet. ज्ञानपंचमी अर्थात् श्रुत पंचमीव्रत माहात्म्य नामक भाषा छंद रचना के कर्ता एक कवि ” समय –वि. सं. १४२३ “
आवली An area unit, A time unit (one Avali is the blinking of an eye). क्षेत्र का एक प्रमाण काल का एक प्रमाण जघन्य युक्तासंख्यात समयों की एक आवली होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]