उपशमक अपूर्वकरण!
उपशमक अपूर्वकरण Subsider rising up at the 8th stage of spiritual development. 8 वें गुणस्थान को प्राप्त उपशम श्रेणी चढ़ने वाला। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशमक अपूर्वकरण Subsider rising up at the 8th stage of spiritual development. 8 वें गुणस्थान को प्राप्त उपशम श्रेणी चढ़ने वाला। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्या मत–Mithya Mata. Wrong persuasions or doctrines. एकांत पक्ष रूप अभिप्राय, मिथ्यामत363 है, क्रियावादीयो के 180, अक्रियावादियो के 84, अग्यांवादियो के 67 और वैनयिक वादियों के 32 भेद”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभावविरुद्वानुपलब्धि हेतु – Svabhaavaviruddhaanupalabdhi Hetu. A type of cause reg. absence of some counter property (opposite to the real one) in a matter. अनुपलब्धि हेतु के प्रतिषेध रुप विरुद्वानुपलब्धि के तीन भेदो मे एक भेद। हर एक पदार्थ नित्य, अनित्य आदि अनेक धर्मवाला है क्योकि नित्यत्व आदि एक धर्म का अभाव है।
उपशमक Suppressor, Subsider, The suppressor of conduct deluding karmas. चारित्र मोहनीय कर्म का उपशमन कर्ता जीव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदना भय –VedanaBhaya One of the seven fears (of bodily painful suffering). सप्त भयों में एक भय, शारीर में रोग होने का भय रहना “
दीक्षा गुरू Preceptor (a spiritual teacher) granting initiation. दीक्षा देने वाले गुरू । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर भेद विज्ञान – Svapara Bheda Vijnaaana. Pertaining to great spiritual knowledge (discriminating self & others).भेद ज्ञान। आत्मतत्त्व का ज्ञान तथा आत्मद्रव्य से विपरीत तत्वो का ज्ञान।
जयराशि A great person, the writer of ‘Tatvopaplava Simgh’. ई. ७२५-८२५ ‘ तत्वोपत्लव सिंह’ के कर्ता एक नैयायिक विद्वान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गणवासी : == पथ्यं हृदयानिष्टमपि, भणमानस्य स्वगणवासिन:। कटुकमिवौषधं तत् , मघुरविपावंâ भवति तस्य।। —समणसुत्त : ९४ अपने गणवासी (साथी) द्वारा कही हुई हितकर बात, भले ही मन को प्रिय न लगे, कटुक औषध की भाँति परिणाम में मधुर ही होती है।