विशेष क्षेत्र!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष क्षेत्र – Vishesha.Kshetra. A type of particular spacious region. केवल प्रदेश सामान्य क्षेत्र तथा यह वस्तु का प्रदेश रूप अंशमयी अर्थात् अमुक द्रव्य इतने प्रदेश वाला है, इत्यादि विशेष क्षेत्र कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष क्षेत्र – Vishesha.Kshetra. A type of particular spacious region. केवल प्रदेश सामान्य क्षेत्र तथा यह वस्तु का प्रदेश रूप अंशमयी अर्थात् अमुक द्रव्य इतने प्रदेश वाला है, इत्यादि विशेष क्षेत्र कहलाता है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == द्रव्य : == आकाशकालजीवा:, धर्माधर्मौ च र्मूितपरिहीना:। मूर्तं पुद्गलद्रव्यं, जीव: खलु चेतनस्तेषु।। —समणसुत्त : ६२६ आकाश, काल, जीव, धर्म और अधर्म द्रव्य अर्मूितक हैं। पुद्गल द्रव्य र्मूितक है। इन सबमें केवल जीव द्रव्य ही चेतन है। दव्वं सल्लक्खणयं उप्पादव्वयधुवत्तसंजुत्तं। —पंचास्तिकाय : १० द्रव्य का लक्षण सत् है और वह सदा…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संबोधि : == खचरामरमनुज—करांजलि—मालाभिश्च संस्तुता विपुला। चक्रधरराजलक्ष्मी:, लभ्यते बोधि: न भव्यनुता।। —समणसुत्त : २०४ (इसमें संदेह नहीं कि) शुभ भावों से विद्याधरों, देवों तथा मनुष्यों की करांजलिबद्ध स्तुतियों से स्तुत्य चक्रवर्ती सम्राट् की विपुल राज्यलक्ष्मी (तक) उपलब्ध हो सकती है, किन्तु भव्य जीवों द्वारा आदरणीय सम्यक्—सम्बोधि प्राप्त नहीं…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमकूट–Yamkut. Name of a summit at Yamkgiri. यमकगिरी पर स्थित एक कूट”
गुणश्रेणी निक्षेपण multiple progression injection. द्वितीयादि समयों में असंख्यात गुना द्रव्य अपकर्षण कर उदयावाली एवं गुण श्रेणी आयाम में निक्षेपण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनपान Breathing air, Respiration. श्वास में नीचे ऊपर वायु का आना जाना या श्वासोच्छ्वास।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तराषाढ़ नक्षत्र Name of a lunar. एक नक्षत्र वृषभदेव का जन्म और दीक्षा इसी नक्षत्र में हुई थी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
खुर Hoof, A scented matter. घोड़े के पद चिन्ह,एक प्रकार का सुगन्धित द्रव्य । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याधर – Vidyadhara. Human beings who reside on vijayardh mou-tain and keep themselves busy in all auspicious activities. विजयार्ध पर्वत पर निवास करने वाले मनुष्य ” ये जाती, कुल और तप इन तीन प्रकार की विद्याओं एवं देवपूजा आदि षट् आवश्यक कर्मों में रत रहते हैं “
उदयावली A smallest time unit related to fruition of Karmas. वर्तमान समय से लेकर आवली मात्र काल तक उदय आने योग्य कर्मों के निषेक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]