ऐरावत वर्ष!
ऐरावत वर्ष See – Airåvata K¼etra. देखें- ऐरावत क्षेत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देहप्रमाणत्व शक्ति Ultimate power of a body (reg. occupancy). अतीत अनन्तर (अन्तिम) शरीरानुसार अवगाह परिणामरूप देहप्रमाणपना होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण व्यंजन पर्याय – Vibhava Guna Vyamjana Paryaya. Sensory knowledge, scriptural knowledge etc. are called as vibhava Guna Vyanjana paryaya of Jivas (souls). मतिज्ञान, श्रुतज्ञान आदि जीव की विभाव गुण व्यंजन पर्यायें हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभू – Svayammbhuu. Name of the 19th predestined Jaina Lord, The first chief disciple of lord Kunthunath, Lord Parshvanath, The main Listener in the assembly of Lord Vasupujya. भावीकालीन 19 वे तीर्थकर, तीर्थकर कुंथ्ुानाथ व पाश्र्वनाथ के प्रथम गणधर, तीर्थकर वासुपूज्य के मुख्य श्रोता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवत्सर – Sanvatsara. Subtitle of different eras. जैनागम में मुख्यतः 4 संवतों का प्रयोग पाया जाता हैं; वीर निर्वाण संवत, विक्रम संवत, ईसवी संवत, शक संवत ” वीर निर्वाण से विक्रम संवत में ४७० वर्ष , ईसवी संवत में ५२७ वर्ष एवं शक संवत में ६०५ वर्ष का अंतर आता हैं ” इसी प्रकार…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == क्षीणकषाय : == विशेषक्षीणमोह:, स्फटिकामल—भाजनोदक—समचित्त:। क्षीणकषायो भण्यते, निग्र्रंथो वीतरागै:।। —समणसुत्त : ५६१ सम्पूर्ण मोह पूरी तरह नष्ट हो जाने से जिनका चित्त स्फटिकमणि के पात्र में रखे हुए स्वच्छ जल की तरह निर्मल हो जाता है, उन्हें वीतराग देव ने क्षीणकषाय निग्र्रन्थ कहा है।
देशोपशम A type of partial subsidence (related to Karmic theory). उपशम का एक भेद; सम्यक्त्व प्रकृति संबंधी देशघाती के उदय को देशोपशमना कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ज्ञानी-अज्ञानी : == सेवंतो वि ण सेवइ, असेवमाणो वि सेवगो कोई। —समयसार : १९७ ज्ञानी आत्मा (अंतर में रागादि का अभाव होने के कारण) विषयों का सेवन करता हुआ भी सेवन नहीं करता। अज्ञानी आत्मा (अंतर में रागादि का भाव होने के कारण) विषयों का सेवन नहीं करता…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैश्रवण –Vaisravana A name for Kuber, Name of a city of southern Vijayardh mountain, Name of a mountain at the southern bank of river, Sita कुबेर का एक नाम, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर, सीता नदी के दक्षिण तट पर वक्षार पर्वत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर्याय – Svaparyaaya. The absolute pure form of soul.शुद्व पर्याय। केवलज्ञान के द्वारा निष्पन्न जो अनंत अन्तर्तेंज है वही निज पर्याय है और क्षयोपषम के द्वारा व ज्ञेयो के द्वारा चित्र-विचित्र परर्याय है।