मृत्यु :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मृत्यु : == सीहस्स कमे पडिदं, सारंगं जह ण रक्खदे को वि। तह मिच्चुणा य गहिदं जीवं पि ण रक्खदे को वि।। —द्वादशानुप्रेक्षा : २४ जैसे सिंह के पैर के नीचे पड़े हुए हिरण की कोई भी रक्षा करने वाला नहीं होता, वैसे ही मृत्यु के द्वारा ग्रहण…