वैयावृत्य तप!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृत्य तप –Vaiyavrttya Tapa Pious service of 10 types of saints by another saints, a kind of internal austerity. तीसरा अंतरंग तप, १० प्रकार के साधुओं की यथायोग्य सेवा करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृत्य तप –Vaiyavrttya Tapa Pious service of 10 types of saints by another saints, a kind of internal austerity. तीसरा अंतरंग तप, १० प्रकार के साधुओं की यथायोग्य सेवा करना “
गंगकीर्ति Name of a Bhattarak (learned person). नंदी संघ बलात्कार गण के वारां गद्दी के एक भट्टारक । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतमुख – Bhutmukha. Name of a dominion ‘Shield’ of Chakravati(em-peror) Bharat & Lord Aranath. चक्रवर्ती भरत तथा भगवान अरनाथ का अस्त्र (ढाल) यह भूतों की मुखाकृतियों से चिन्हित होता था “
खांड Unrefined and uncrystallized sugar. कच्ची शक्कर, शुभ(पुण्य) कर्म प्रकृतियों के द्विस्थानीय अनुभाग का उदाहरण । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसेन –Virasena Name of the disciple of Ramsen, Name of the disiciple of Brahmasen. माथुरसंघ के अनुसार रामसेन के शिष्य और आचार्य देवसेन के गुरु ” समय – ई. ८८३ –९२३ ” लाड़बागड़ गच्छ के अनुसार ब्रम्हसेन के शिष्य और गुणसेन के गुरु थे ” समय – ई. १०४८ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त – Sanvrtta. Covered, Concealed, Hidden, A type of female genital organ. जो ढका हुआ हो उसे संवृत्त कहते हैं ” या ऐसा स्थान जो देखने में न आये, योनि का एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोचितावास – Vimochitavasa. A reflection of vow of non-stealing (staying of a saint in a deserted place). अचौर्यव्रत की एक भावना; दूसरे के द्वारा छोड़े हुए स्थानों में साधु का ठहरना “
खरतरगच्छ A group of shvetambar Jain saints. श्वेताम्बरों के विविध गच्छों में एक । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
दयादत्ति To be kindful to others. अनुग्रह करने योग्य प्राणियों के समूह पर दयापूर्वक मन, वचन, काय की शुद्धि के साथ उनके भय को दूर करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्वितीय स्थिति Second life time. अंतरकरण या अंतर स्थितिके उपरिवर्ती सर्वस्थिति का नाम द्वितीय स्थिति है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]