विषापहार स्तोत्र!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषापहार स्तोत्र –VisapaharaStotra. A praising hymn written by Dhananjay (poet). धनज्ज्य कवि द्वारा रचित संस्क्रत भाषाबध्द एक स्तोत्र, रचना करते समय जिसके पाठ से उनके पुत्र का सर्प विष उतर गया था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषापहार स्तोत्र –VisapaharaStotra. A praising hymn written by Dhananjay (poet). धनज्ज्य कवि द्वारा रचित संस्क्रत भाषाबध्द एक स्तोत्र, रचना करते समय जिसके पाठ से उनके पुत्र का सर्प विष उतर गया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलभद्र- सुमेरु संबंधी नन्दन वन में स्थित एक प्रधान कूट व उसका स्वामी दव, सनत्कुमार स्वर्ग का 6ठां पअल व इन्द्रक, नारायण के बड़े भाई बलभद्र कहते है। Balabhadra- Name of a main summit and its ruling deity situated in nandan forest of Sumeru mountain name of the 6th patal (layer) & indra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बारह- 12; 12 अंग रुप श्रुतज्ञान, 12 अनुप्रेक्षा आदि। Baraha- Twelve (12 part of scriptural knowledge etc)
हुण्डावसर्पिणी काल- असंख्यात अवसर्विणी- उत्सर्पिणी काल की शलाकाओं के बीत जाने पर प्रसिद्ध एक हुण्डावसर्पिणी आती है उसके चिन्ह है- विकलेन्द्रिय जीवो की उत्पत्ति अधिक होती है। इस काल में कल्प वृक्षों का अन्त और कर्मभूमि का व्यापार प्रारम्भ हो जाता है चक्रवर्ती की विनयभंग 58 ही श्लाका पुरुष उत्पन्न होते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिपिबद्ध – लिखा हुआ द्रव्यश्रुत जो 64 अक्षरो एवं पदो के द्वारा लिखा जाता है। Lipibaddha-Something put in writing form
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपराय – स्थूल कषायो को बादर साम्पराय कहते है ” अनावृतिकरण गुणस्थान का अपरनाम ” Badara Sampraya- Gross passions
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिभोजन – रात में किया जाने वाला भाजन जो कि अहिेसा पालन की दृश्टि से निशिद्ध है। Ratribhojana- Dinner (night meal ), Restricted in Jaina philosophy
चक्षुःश्रवा A sanke having hearing sense through eyes. सरो, यह आँख के मार्ग से ही सुनता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात – Sankhyaata. Finite counting. दो को आदि लेकर गणना (गिनने योग्य संख्या) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रसाद – मन में निर्मल भाव लेन वाली वास्तु अनुग्रह कृपा पवित्र द्रव्य Prasada- Propitiatory offering a gift, boon, blessing, sacred materials