रेखा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] [[श्रेणी:पुत्री]] रेखा – सरल लकीर। Rekha- A strength line
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्मल जल – Nirmala Jala. Pure & holy water of river etc. (an excellence of Lord-Arihant). 14 देवकृत अतिशियोंमें एक अतिशय; तलब आदि का जल निर्मल हो जाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपातीत ध्यान – सिद्ध परमेही का घ्यान करना। Rupatita Dhyana-A type of meditation deep engrossment in the form of Siddha Bhagvan
आशीर्विष रस ऋद्धि A type of supernatural power related to cursing one for his death by an angry saint. जिस ऋद्धि के प्रभाव से दुष्कार तप से युक्त मुनि द्वारा ‘मर जाओ’ कहने पर जीव मर जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्दु:ख – Nirdukha. Sorrowlessness, Name of a planet. दु:ख रहित अवस्था, एक ग्रह; 88 ग्रहों में 60 वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरोध – Nirodha. Restraining, Controlling. रोकना, नियंत्रितकरना–गमन, भोजन, शयन और अध्ययन आदि विविध क्रियाओंमें भटकने वाली चित्तवृत्ति को रोक देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवलिकथे – ई 1839 में रचित कथानंुयोग विशयक या कन्नड कृति। Rajavalikathe-name of a kannad book
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराभरण – Niraabharana. Compeletely freeness from all ornament (a characteristic of Jina-Lord idol). आभूषण से रहितता जिनप्रतिमाओं का एक लक्षण, जो राग अभाव का एक सूचक है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रवीन्द्र कुमार बह्यचारी – गणिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख षिश्य जम्बद्वीप रचना हस्तिनापुर के प्रमुख स्तम्भ।सन् 1972 में आजन्म ब्रहमचार्य व्रत लेकर क्रमष घर्मक्षेत्र में अथक परिश्रम करके माताजी की प्रेरणा से जम्बुद्वीप हस्तिनापर, तपस्थली प्रयाग, कुण्डलपुर, मांतुगा, अयाध्या एवं अनेक तीर्थ क्षेत्रो का विकास करते हुए जैन धर्म की संस्क्ति का…