रूक्षाणु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षाणु – रूक्ष गुण वाला अणु। इसका दो अधिक गुण वाले विपरीत अणुओं के साथ बंध होता है। Ruksanu-Particles with having property of roughness
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षाणु – रूक्ष गुण वाला अणु। इसका दो अधिक गुण वाले विपरीत अणुओं के साथ बंध होता है। Ruksanu-Particles with having property of roughness
उभयबंधी प्रकृति A type of Karmic nature having bilateral bindings. जिस प्रकृति का बंध सान्तर-निरन्तर अथवा सप्रतिपक्षी और निष्प्रतिपक्षी होता है उसे उभयबन्धी प्रकृति कहते हैं। जैसे देवगति आदि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलेन्द्रिय – Sakalendriya. All five sensed beings. पंचेन्द्रिय जीव सकलेन्द्रिय कहलाता है अर्थात् जिसके पांचो इन्द्रिय है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेयउपादेयबुद्वि – Heyaupaadeyabuddhi. Mentality of acceptance & non-acceptance of matters in a Samyagdrishti. सम्यग्दृष्टि द्वारा तत्वों मे हेय (छोड़न)े और उपादेय (ग्रहण करने योग्य) रुप मान्यता या रुचि।
दीर्घदर्शी One foresighted, discerning or learned. दूरदर्शी दूर तक की बात सोचने वाला।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसायिक – रस आसव आदि में उत्पन्न होने वाले जीव। Rasayika-Micro beings taking birth in impure liquids
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हीयमान – Hiiramaana. A type of clairvoyance (which reduces due to passionate results). अवधिज्ञान के 6 भंेदो मे एक भेद। जो अवधिज्ञान संक्लेष परिणामो से धटता जावे।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परम औदारिक शरीर: Supremely pure gross body.केवली का शरीर जो निगोदिया जीवों से रहित होता है।
उदराग्नि Fire of hunger, an affiliction to be beared by Jaina saints. क्षुधा की बाधा क्रोध काम उदर इन तीन अग्नियों में तीसरी अग्नि इसमें मुनिजन अनशन की आहुति देकर आत्मयज्ञ करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]