चय!
चय Common difference , Loss or gain, Heap, Platform. दो गणितीय पद के बीच का अंतर , श्रेणी व्यवहार गणित में समान हानि या समान वृद्धि के परिणाम को चय कहते हैं , ढेर , ऊँचा स्थान आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चय Common difference , Loss or gain, Heap, Platform. दो गणितीय पद के बीच का अंतर , श्रेणी व्यवहार गणित में समान हानि या समान वृद्धि के परिणाम को चय कहते हैं , ढेर , ऊँचा स्थान आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधान – Samaadhaana. Soluction (of a problem), Deep meditation or contemplation. किसी समस्या का उपाय या हल, उत्तम परिणामों मे चित्त को स्थिर रखना समाधान है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय – Bhaya. Fear, terror. भीती, डर – यह ७ प्रकार का होता है इहलोक, परलोक, अरक्षा, अगुप्ति, मरण, वेदना, आकसिम्क “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिजबुद्धि ऋद्धि – Bija Buddhi Rddhi. A type of supernatural power pertaining to know – ing the whole Dvadashang by a single Bijapad. ऋद्धि ; जिसके प्रभाव से साधु एक ही बिजपद के आश्रय से सम्पूर्ण द्वादशांग को जानने और विचार करने में समर्थ होते हैं “
चारित्रशुद्धि Purification of conduct with different vows. अहिंसादि प्रत्येक व्रत की पांच-पांच भावनाएं हैं ,पांच व्रतों की पच्चीस भावनाएं हैं , इनका पालन करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मवत्: Name of an area of Videh Kshetra (region), Name of summit and deity of Vasshargiri. विदेह स्थित एक क्षेत्र एवं वक्षारगिरि का कूट व देव का नाम।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव संग्रह – Bhava Samgraha. A book written by Acharya Devasen. आचार्य देवसेन (वि. १००५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
चंदनामती(आर्यिका) The chief disciple of supreme Jaina female ascetic Aryika Shri Gyanmati Mataji and also the younger sister of the household life of Ganini Shri Gyanmati Mataji, who born at 18th May 1958 and after having studied upto 10th standard, in the small age of 13th years old only she took oath for the vow…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार नाटक – Samayasaara Naataka. Name of a composition composed by Pandit Banarsidas. पं. बनारसीदास (ई. 1636) की आध्यात्मिक रचना, इसमें 15 अधिकार और 616 पद है। यह ग्रंथ समयसार की आत्मख्याति टीका के कलषों के आधार पर लिखा गया है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मप्रभनाथ: Namme of the 6th Tirthankar (Jaina-Lord). वर्तमान छठे तीर्थकर का नाम । आप महाराजा धरणराज एवं महारानी सुसीमा के पुत्र थें आपका जन्म कार्तिक कृ0 13 एवं मोक्ष फाल्गुन कृ0 4 को हुआ । आपका वर्ण क्षत्रिय, वंश- इक्ष्वाकु, देहवर्ण-पùरागमणि सदुश, चिन्ह-लाल कमल एवं आयु-तीस लाख पूर्व वर्ष थी । आपकी जन्मभूमि कोशाम्बी…