नश्वरता :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == नश्वरता : == जम्मं मरणेण समं, संपज्जइ जुव्वणं जरासहियं। लच्छी विणससहिया, इय सव्वं भंगुरं मुणह।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ५ जन्म के साथ मरण, यौवन के साथ बुढ़ापा, लक्ष्मी के साथ विनाश निरंतर लगा हुआ है। इस प्रकार प्रत्येक वस्तु को नश्वर समझना चाहिए