प्रक्रम!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्रम – Prakrama. Sequence, A type of Karmic matter, a type of Anuyogdvar. क्रमबध्द, कार्माण पुद्ग्ल प्रचय को प्रक्रम कहते हैं, अग्रायणीयपूर्व की कर्मप्रक्रति वस्तु का ८ वां अनुयोग्द्वार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्रम – Prakrama. Sequence, A type of Karmic matter, a type of Anuyogdvar. क्रमबध्द, कार्माण पुद्ग्ल प्रचय को प्रक्रम कहते हैं, अग्रायणीयपूर्व की कर्मप्रक्रति वस्तु का ८ वां अनुयोग्द्वार “
आनंद पाहुड़ Literature devoid of spiritual knowledge. राग-द्वेष रहित जिन भगवान द्वारा निर्दिष्ट निर्दोष आचार्य परम्परा से प्राप्त 12 अंगों के वचनों का समुदाय अथवा उनका एकदेश परमानंद दो ग्रन्थिक पाहुड़ है उसके अतिरिक्त शेष जिनागम आनन्द पाहुड़ है। (कषाय पाहुड़ से)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
गतिनामकर्म प्रकृति Karmic nature causing any Gati. जिस कर्म के उदय से जीव मनुष्य, तिर्यंच, देव व नरक गति को प्राप्त करता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिसूत्र –Vrttisutra. Briefing of some principle etc. जिसमे संक्षिप्त शब्दों में या सूत्र के समस्त अर्थ को संग्रहीत कर लिया जाता हैं “
गणधरवलय यन्त्र A type of metallic plate engraved with some auspicious and mystic words. धातु की एक मंत्र लिखित प्लेट ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिदेव–Munidev. The chief disciple of Lord Adinath. भगवान् आदिनाथ के गणधरो का नाम”
उद्भ्रान्त Astray, Erring, Confused,Name of the fifth Patal (layer) of the first hell. भ्रमित होना प्रथम नरक का पाँचवा पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासना – Vaasanaa.: Passion,Passionate feelings. संस्कार, अविद्या ,अज्ञान, कषाय आदि की पुनः पुनः प्रवृत्ति रूप अभ्यास से उत्पन्न संस्कार वासना कहलाते हैं “
गंभीरावर्त Name of a dominion ‘conch’ of Chakravarti (emperor). चक्रवर्ती की विभूति ‘शंख’का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुशर्मा – Vaayusharmaa.: Name of the 10th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान ऋषभदेव के 10वें गणधर “