धर्मलक्षण!
धर्मलक्षण Basic characteristics of religion, Nature of a substance. सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, स्म्यग्चारित्र- ये धर्म के लक्षण हैं। वस्तु का स्वभाव भी धर्मलक्षणकहा जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मलक्षण Basic characteristics of religion, Nature of a substance. सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, स्म्यग्चारित्र- ये धर्म के लक्षण हैं। वस्तु का स्वभाव भी धर्मलक्षणकहा जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिशुपाल – Shishupaala. Name of a famous king who was killed by Krishna according to jaina scriptures. राजा मेषज एवं रानी मद्री का पुत्र, इसके तीन नेत्र थे ” किसी निमित्तज्ञानी ने बताया था कि जिसके देखने से इसका तीसरा नेत्र नष्ट होगा वही इसका हन्ता होगा ” माता-पिता उसे एक बार कृष्ण के…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाग – Bhaga. Division, a fraction, a section. अंश, पर्याय, भेद, विधा , भाग सब एकार्थवाची हैं “
धर्मप्रभावना Propagation of religion. धर्म की प्रभावना करना , समुचित रीति से अज्ञानरूपी अंधकार को हटाकर जैनधर्म की महिमा को फैलाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मकथा Religious story. धर्म में दृढ़ करने वाली कथा ; आक्षोपिणी, विक्षोपिणी, संवेदिनी, निर्वेदिनी के भेद से 4 प्रकार की है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती आराधना टीका – Bhagavati Aradhana Tika. A commentary book on Bhagavati Aradhana written by Pandit Ashadharji. पं. आशाधर (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित एक टीका “
धरणा Name of the Ganini (chief Aryika) in the holy assembly of Lord Sheetalnath. शीतलनाथ भगवान के समवशरण की गणिनी (प्रमुख आर्यिका) का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनप्रवृति – Vachanpravrtti.: Speaking activities. जीव की बोलने हेतु प्रयत्न रूप क्रिया या प्रवृति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसर्ग – Nisarga. Natural state, NNature. स्वभाव या प्रवर्तन “
धनपाल A type of peripatetic celestials, Name of the writer of ‘Bhavishyadatta Charitra’. यक्ष जाति के व्यंतर देवों के 12 भेदों में नवां भेद, ‘ भविष्यदत्त चरित्र’ प्राकृत के कर्ता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]