धर्मद्रव्य!
धर्मद्रव्य Medium of motion of Jiva & Pudgal, one of the six entities (matters). 6 द्रव्यों में एक द्रव्य; जो जीव व पुद्गल के गमन में सहायक, अचेतन एंव अरूपी है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मद्रव्य Medium of motion of Jiva & Pudgal, one of the six entities (matters). 6 द्रव्यों में एक द्रव्य; जो जीव व पुद्गल के गमन में सहायक, अचेतन एंव अरूपी है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण निर्णय- न्याय विशयक एक ग्रंथ का नाम। PramanaNirnaya- Name of a book
धराधर A city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमत्त विरत- छठा गुणस्थान, प्रत्याख्यानावरण कशाय के क्षयोपषम से सकल संयम रुप मुनिव्रत होने के पश्चात् संज्वलन कशाय और नोकशाय के उदय से संयम में मल उत्पन्न करने वाले प्रमाद से सहित दिगम्बर मुनियों के प्रमŸविरत गुणस्थान होता है। PramattaVirata- The 6th stage of spiritual development where saints having perfect vows with passion
धनुष A bow, an area unit. क्षेत्र का एक प्रमाण (4 हाथ का एक धनुष) । दण्ड , युग, मूसल, नाली, ये अपरनाम हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रानीक – Sahasraaneeka. One of the sons of Vidyadhar-Vinami. विनमि विद्याधर के अनेक पुत्रों में एक पुत्र ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायोग्यानुपूर्वी- आनुपूर्वी; विग्रहगति में आत्म प्रदेषों का पूर्वषरीराकार बने रहना। Prayogyanupurvi- Existence of soul in transmigratory motion in the same shape as in the previous left body
द्वैताद्वैत नय Viewpoint of dualism and non-dualism. एक दृष्टिकोण जिसके अनुसार आत्मद्रव्य ज्ञान ज्ञेय अद्वैत नय से महान् ईंधन समूहरूप परिणत अग्नि की भाँति एक है एंव द्वैतरूपनय से पर के प्रतिबिम्बों सम्पृक्त दर्पण की भाँति अनेक हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्विसंधान महाकाव्य A treatise written by Dhananjaya. पाण्डव चरित्र पर धनन्जय कवि द्वारा रचित एक ग्रंथ। जिसमें रामायण और महाभारत दोनों कथाओं से संबंधित अर्थ निकलता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]