विर्याचरण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्याचरण –Viryacarana Conduct according to the capability. सामथ्र्य के अनुसार आचार का पालन करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्याचरण –Viryacarana Conduct according to the capability. सामथ्र्य के अनुसार आचार का पालन करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगचारित– Mragcharit. Unrestrained saints (who make decisions by themselves). जो साधु अकेले ही स्वच्छंद रीती से विहार आदि करते है”
गजवती A river of varun mountain in Bharat kshetra (region). भारत क्षेत्र के वरुण पर्वत पर स्थित एक नदी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चरणानुयोग गृहमेध्यनगाराणां चारित्रोत्पत्तिवृद्धिरक्षाङ्गम्। चरणानुयोगसमयं सम्यग्ज्ञानं विजानाति।।४५।। अर्थ-सम्यग्ज्ञान ही गृहस्थ और मुनियों के चरित्र की उत्पत्ति, वृद्धि और रक्षा के अंगभूत चरणानुयोग शास्त्र को जानता है अर्थात् जिसमें श्रावक और मुनिधर्म का वर्णन किया जाता है, वह चरणानुयोग है। अथवा An Anuyog (a division of particular treatises) dealing with principles of conduct prescribed for the householders…
उभयाव्यतिरेकी That which refers to both extremes. हेतु का एक शब्द- अन्वयव्यतिरेकी जिसमें अन्वय दृष्टांत व व्यतिरेक दृष्टांत दोनों होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेलित – Helita. Pushing & jostling and mocking at others while paying reverence (an infraction). वंदना का एक देष-वंदना के समय दूसरों को धक्का आदि देना या उनकी हंसी आदि करनां “
गंधमाली A deity of Gandhmali summit (Koot) of Gandhmadan gajdant mountain. गंधमादन गजदन्त के गंधमाली कूट का स्वामी देव । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशांतकर्म Karmas existing but not fruitful. कर्म की शक्ति की अप्रगटता या फल न देना किन्तु सत्ता में बैठे रहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हुंडकसंस्थान – Humdakasamsthaana. Misshaped structure of body. संस्थान के 6 भेदो मे एक भेद-विषम या बेडौल शारीरिक आकृति का बनना।