त्रसनाड़ी!
त्रसनाड़ी A channel or tunnel of mobile beings. लोक के बहु मध्य में एक राजु लम्बा और कुछ कम तेरह राजु ऊंचा बस जीवों का निवास क्षेत्र । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रसनाड़ी A channel or tunnel of mobile beings. लोक के बहु मध्य में एक राजु लम्बा और कुछ कम तेरह राजु ऊंचा बस जीवों का निवास क्षेत्र । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतारणयक वन – Bhutaranyaka Vana. Name of a forest situated in western videh (re-gion). विदेह के पशिचम और लवण समुद्र के निकट एक वन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिसूर्य- pratisurya Magternal uncle of hanuman हनुमान का मामा था, जो हनुमान और हनुमान की माता अंजना को जंगल से अपने घर लाया था।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कर्म-मुक्ति : == पक्के फलम्हि पडिए, जह ण फलं बज्झए पुणो विंटे। जीवस्स कम्मभावे, पडिए ण पुणोदयमुवेइ।। —समयसार : १६८ जिस प्रकार पका हुआ फल गिर जाने के बाद पुन: वृन्त से नहीं लग सकता, उसी प्रकार कर्म भी आत्मा से विमुक्त होने के बाद पुन: आत्मा (वीतराग) को…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंजन शुद्धि –Vyaninjana Suddhi. Right & exact pronunciation of religious hymns, mystic syllables (mantras) etc. सूत्रों को दोष रहित पढ़ना व्यंजन शूध्दि है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेदन – Svasammvedana. Self experience or intuition. आत्मानुभव, आत्मज्ञान।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यग्दृष्टि : == भूयत्थमस्सिदो खलु, सम्माइट्ठी हवइ जीवो। —समयसार : ११ जो भूतार्थ अर्थात् सत्यार्थ शुद्ध दृष्टि का अवलम्बन करता है, वही सम्यग्दृष्टि है। जं कुणदि सम्मदिट्ठी, तं सव्वं णिज्जरणिमित्तं। —समयसार : १९३ सम्यग्दृष्टि आत्मा जो कुछ भी करता है, वह उसके कर्मों की निर्जरा के लिए ही…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णकूला कुंड – Svarnakuulaa Kumda. Name of a pond situated in Hairayavat region. हैरण्यवत क्षेत्रस्थ एक कुंड।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मुमुक्षु : == मिच्छत्तासवदारं रुंभइ सम्मत्तदिढकवाडेण। हिंसादिदुवाराणि वि, दिढवयफलिहेहिं रुंभति।। —जयधवला : १-१०-५५ मुमुक्षु जीव सम्यक्त्व रूपी दृढ़ कपाटों से मिथ्यात्व रूपी आस्रव द्वार को रोकता है तथा दृढ़ व्रत रूपी कपाटों से हिंसा आदि द्वारों को रोकता है।