वय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वय – Vaya.: Age, life duration. उम्र, अवस्था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यग्रोध वृक्ष – Nyagrodha Vriksha. Banyan tree, initiation tree of Lord Rishabhabdev. बरगद का पेड़; ऋषभनाथ भगवान के दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष का नाम” इसका अपरनाम वटवृक्षया अक्षय है “
द्रव्य अप्रतिक्रमण Reverential view for the accepted matters in the past. अतीतकाल में जो परद्रव्यों का ग्रहण किया था, उनको वर्तमान में अच्छा जानना , उनका संस्कार रहना, उनके प्रति ममत्व भाव का होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विधिवाक्य – Vidhivakya. Statement reg. ordinace or order. आज्ञा या आदेश करने वाले वाक्य विधि वाक्य हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रासन – Bhadrasana. A specific reverential place at Pandukshila. पाण्डुकशिला पर स्थित एक आसन “
दौलतराम Name of Pandits, who wrote a number of books on Jainism. पंडित 1. पदमपुराण, आदिपुराण , हरिवंशपुराण, आदि की वचनिका के कर्ता, क्रियाकोश, अध्यात्म बारहखड़ी आदि के कर्ता, समय- वि. 1777-1829। 2. छीढाला, पदसंग्रह के कर्ता (समय- वि. 1855-1923)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पूजा–Mishra Puja. To worship Lord ’Jina’, preceptors and ‘Books’ (scriptures). द्रव्य पूजा का एक भेद; प्रत्यक्ष उपस्थित जिनेन्द्र भगवान् और गुरु एवं कागज आदि पर लिपिबद्ध शास्त्र की पूजा करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म तद्व्यतिरिक्त – Nokarma Tadvyatirikta. External causes for the state of any particular karmas. निक्षेप- किसी कर्म की अवस्था के लिये जो बाहरी कारण हो जैसे, क्षयोपशम रूप मतिज्ञान के लिए पुस्तक अभ्यास आदि “
देहमान Investigation related to the body of beings. जीवों की शारीरिक अवगाहना का प्रमाण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वट्टकेर –Vattakera: Another name of kund-kund Acharya,who wrote Moolachar Granth (a treatise). आचार्य कुन्दकुन्द का अपरनाम जिन्होंने मूलाचार ग्रन्थ की रचना की “समय –ई .स .127 -179 “