शरीर पर्याप्ति काल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर पर्याप्ति काल – Sharera Paryaaypti Kaala. Period of the formation of respiratory vitality in the body. शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने पर जब तक श्वासोच्छवास पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक का काल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर पर्याप्ति काल – Sharera Paryaaypti Kaala. Period of the formation of respiratory vitality in the body. शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने पर जब तक श्वासोच्छवास पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक का काल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परविवाहकरण :An infraction of vow of celibracy.ब्रहमचर्याणुव्रत का एक अतिचार, अपने कुटुम्ब के सिवाय अन्यों का विवाह करना,कराना ।
आरोप Allegation, Accusation, Blame. दोष लगाना अध्यारोपण एक वस्तु के गुणों को दूसरी वस्तु में आरोपित करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परवश अतिचार:A type of infraction, acceptance of abandoned material due to somje external fear.अतिचार का एक भेद;उन्माद, पित , पिशाच, आदि अथवा अन्य लोगों के वश होकर त्याग किये हुए पदार्थें को ग्रहण करना ।
गणधर Chief disciple (Gandhar) of Teerthankar (Jaina lord). तीर्थंकर के प्रमुख शिष्य इनके अन्य नाम गणी, गणीश ,गणपति ,गणेश आदि भी हैं। ये समस्त श्रुत के पारगामी, सातों ऋद्धियों के धारक, मुनियों के स्वामी एवं चार ज्ञानधारी होते हैं। [[महावीर स्वामी के गणधर]] [[श्रेणी:शब्दकोष]]
आभ्यन्तर प्राण Internal vitalities. भावप्राण वीर्यान्तराय, मतिज्ञानावरण इन्द्रियावरण आदि का क्षयोपशम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एक एकसंगति One – to – one correspondence. एक का एक के साथ संबंध होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष उपयोग – Vishesha. Special consciousness. ज्ञानोपयोग या साकारोपयोग, जो सामान्य – विशेशात्म्क पदार्थो के आकार को ग्रहण करे अर्थात् ज्ञान पदार्थो को विशेष करके जानता है “
ऋतु Season, Name of first Patal (layer) and Indrak of Saudharm heaven. मौसम (ऋतु-ये छः होती है-ग्रीश्म , शीत, वर्षा, हेमन्त, वसन्त, शिशिर), सौर्धकम सवर्ग का प्रथम पटल व इन्द्रक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]