लेह्या!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लेह्या – Lehyaa.: Relishing food by licking . 4 प्रकार के आहार का भेद ;जो पदार्थ चाटकर खाये जाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लेह्या – Lehyaa.: Relishing food by licking . 4 प्रकार के आहार का भेद ;जो पदार्थ चाटकर खाये जाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापोपदेश – Papopadesa. Sinful advice, to instigate for sinful activities. अनार्थादंड का एक भेद; आरम्भ हिंसा आदि पापपूर्ण वचनों का उपदेश देना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यक् ज्ञान : == यथा यथा श्रुतमवगाहते, अतिशयरसप्रसरसंयुतमपूर्वम्। तथा तथा प्रह्लादते मुनि:, नवनवसंवेगश्रद्धाक:।। —समणसुत्त : २४७ जैसे—जैसे मुनि अतिशय रस के अतिरेक से युक्त अपूर्वश्रुत का अवगाहन करता है, वैसे—वैसे नित—नूतन वैराग्ययुक्त श्रद्धा से आह्लादित होता है। सूची यथा ससूत्रा, न नश्यति कचवरे पतिताऽपि। जीवोऽपि तथा ससूत्रो, न…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुकच्छ – Sukachchha. A region of eastern Videh (region) 74th chief disciple of Lord Rishabhdev. पूर्व विदेह का एक क्षेत्र, तीर्थंकर वृषभदेव 74वें गणधर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापक्रिया निरोध – Papakriya Nirodha. To control sinful activities. पाप क्रियाओं को रोकना”
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == धर्मचरण : == जरा यावत् न पीडयति, व्याधि: यावत् न वद्र्धते। यावदिन्द्रियाणि न हीयन्ते, तावत् धर्मं समाचरेत्।। —समणसुत्त : २९५ जब तक बुढ़ापा नहीं सताता, जब तक व्याधियां (रोगादि) नहीं बढ़ती और इन्द्रियाँ अशक्त अक्षम) नहीं हो जातीं, तब तक (यथाशक्ति) धर्माचरण कर लेना चाहिए क्योंकि बाद में अशक्त एवं असमर्थ…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाथड़ा :Patal (layer or level).पटल, खन, तह। स्वर्ग व नरक मे पटल।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिभद्र – Namdibhadra A great saint whose another name is ‘Nandivardhana’. एक चरण ॠदधिधारी मुनि, इनका अपरनाम नंदिवर्धन है ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाणिमुक्ता गति :Curved motion, a type of transmigratory motion.विग्रहगति का एक भेद, संसारी जीवो की एक मोड़ेवाली गति।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] A type of metallic plate engraved with some auspicious mystic words. नयनोन्मीलन मंत्र लिखित धातु की प्लेट “