खांसना!
खांसना Coughing, To cough. कफ आदि के कारण हवा को आवाज के साथ गले से बाहर फेंकना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
खांसना Coughing, To cough. कफ आदि के कारण हवा को आवाज के साथ गले से बाहर फेंकना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अशुध्द आहार – Bhava Asuddha Ahara. A fault related to saint – food . १६ उदगम दोषों से युक्त आहार ” साधु यदि आहार संबंधी १६ उदगम दोषों में किसी प्रकार का विकल्प करता है तो वह भाव से उद्दिष्ट आहार है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – Bhava. Volition, feeling, thought – activity, Nature of sen-tient and non-sentient matters. जीव के परिणाम, चेतन व अचेतन द्रव्यों के अनेकों स्वभाव “
गुणश्रेणी निर्जरा Multiple progression dissociation. जब कर्मों की निर्जरा प्रतिसमय क्रमशः असंख्यात गुणी संख्यात हो तो इसे गुणश्रेणी निर्जरा कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवसेन An Acharya, disciple of Veersen (Dhavalåkar).आचार्य ई. 820-870 मं वीरसेन (धवलाकार) के शिष्य महाधवल सिद्धांत 40,000 श्लोक के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] या Father’s name of the 5th Teerthankar (Jaina-Lord) of Videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित 5 वें तीर्थंकर के पिता का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
खंडनखंडखाद्य A book written by ‘Shri Harsh’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक ‘श्री हर्ष ‘द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बोधायन – Bodhayana. Name of a commentator of Vedant literature. बादरायण के ब्रम्हसूत्र पर टीका लिखने वाले एक वेदांत साहित्य प्ररर्तक “
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कुशिष्य : == देंतोच्चिय उवएसं हवइ कयत्थो गुरु सुसीसाणं। विवरीयाण निरत्थो दिणयरतेओ व्व उलुयाणं।। —पउमचरिउ : ५०५ सुशिष्यों को उपदेश देने पर गुरु कृतार्थ होता है, किन्तु जिस तरह उल्लू के लिए सूर्य निरर्थक होता है, उसी तरह विपरीत अर्थात् कुशिष्यों को उपदेश देने पर वह निरर्थक हो जाता है।…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सामायिक – Bhava Samayika. Equanimity in pain & pleasure. सुख – दुःख में साम्यभाव धारण कर मैत्रीभाव के साथ सम्पूर्ण सावध से निर्वत्त ह्नुं, इन भावों के साथ सामायिक करना “