प्रमादयोग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमादयोग- हिंसा का लक्षण; कशाय सहित योगों की प्रवृति। Pramadayoga- Tendency of performing careless (violenceful) activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमादयोग- हिंसा का लक्षण; कशाय सहित योगों की प्रवृति। Pramadayoga- Tendency of performing careless (violenceful) activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक बुद्धि ऋद्धि- ऋद्धि; जिसके द्वारा गुरु उपदेष के बिना ही कर्मो के उपषम से सम्यग्ज्ञान और तप के विशय में प्रगति होती है। pratyeka buddhi riddhi – a type of supernatural power related to self enlightened.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणक देव- एक प्रकार के व्यन्तरजातीय देव। इनकी उत्कृश्ट आयु 70,000 वर्श है। Pramanaka Deva- A type of peripatetic deities
दश विकार Ten types of lustful sensual desires of human being. काम के वेग चिंता, स्त्री को देखने की इच्छा , दीर्घनिःश्वास, ज्वर, शरीर का दग्ध होना, भोजन न रूचना , मूर्छा की गोचरी आदि वृत्तियों का वर्णन किया गया है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमत्त- हिंसक, प्रमादी, संज्वलन कशाय के तीव्र उदय से होने वाले प्रमाद से सहित। Pramatta- One with having passional vibrations, Lustful
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभा- आभा; द्रव्यों का अपना विषेश सलोापरन या तेज, सौधर्म स्वर्ग का एक पटल। Prabha- Lustre, rediance, Splendour, A patal (layer) of Saudharma heaven
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव – Bhava. World, Body form, Name of the predestined 6th Rudra. आयुनामकर्म के उदय से जीव की जो मनुष्यादि पर्याय होती है उसे भव कहते हैं, भविष्यकालीन छठे रूद्र का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायोगिकी क्रिया- क्रिया का एक भेद; गाड़ी आदि की पुरुश प्रयत्न से होने वाली क्रिया। PrayogikiKriya- Human efforted activity
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति संक्रम योग्य – Prakrti Samkrama yogya. Karmic natures capable of transition. संक्रमण होने योग्य कर्म प्रक्रतियां “