शुद्ध उपलब्धि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध उपलब्धि – Shuddha Upalabdhi. Attainment of pure spiritual knowledge. निश्चयरूप ज्ञान की प्राप्ति या अन्तरातमा का प्रत्यक्ष अनुभव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध उपलब्धि – Shuddha Upalabdhi. Attainment of pure spiritual knowledge. निश्चयरूप ज्ञान की प्राप्ति या अन्तरातमा का प्रत्यक्ष अनुभव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल स्कन्ध – Pudgala Skandha. Aggregate of molecules (a bind form). जिन परमाणुओं ने परस्पर बंध कर लिया है वे स्कन्ध कहलाते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघंकरा–Meghankara. A female divinity of the summit of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत के कूट की दिक्कुमारी देवी”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यश:नामकर्म प्रकृति–Yashah Naamkarm Prakrati. A type of Karmic nature causing fame or good name. जिस नामकर्म के उदय से जीव के पवित्र गुणों की ख्याति या प्रसिद्धि होती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल अस्तिकाय – Pudgala Astikaya. One of the five Astikayas. पांच अस्तिकायों में एक; इसमें एक प्रदेश वाले अणु को भी प्रदेश प्रचय की शक्तिरूप स्वभाव के कारण अस्तिकाय कहा है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभंग ज्ञान – Vibhamga Jnana. Faise clairvoyance. मिथ्या अवधिज्ञान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामदेव – Vaamadeva.: Name of a Bhattarak of Moolsangh of saints after Lord Mahaveera. मूलसंघी भट्टारक ,प्रतिष्ठा आदि विधानों के ज्ञाता ” कृतियां – भावसंग्रह, त्रैलोक्यप्रदीप, त्रिलोकसार पूजा, तत्त्वार्थसार आदि ” समय – वि.श. 14-15 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्य आस्त्रव – Punya Asrava. Influx of meritorious & auspicious Karmic results. पुण्यकर्म आने योग्य भाव; मन वचन काय की शुभ क्रिया “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा द्रव्य वर्गंणा – Bhasha Dravya Vargana. One of the aggregates of karmic molecules; causing formation of speech. १३ पुद्ग्ल स्कंध वर्गंणाओं में एक; इसी से वचन बनते हैं, एक-एक वर्गणा में अनंत परमाणु होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादिराज – Vaadiraaj.: Name of a great Acharya, the writer of ‘Ekibhava Stotra’. एक आचार्य जिन्होंने एकीभाव स्तोत्र की रचना कर अपने कुष्ठ रोग को दूर किया “इनकी अन्य रचनाएं पार्श्वनाथ चरित्र ,यशोधर चरित्र ,न्याय विनिश्चय विवरण आदि हैं (समय –ई.स. 1010 – 1065) “