मत्स्ययुगल!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मत्स्ययुगल – Matsyayugala. A pair of fish – a dream seen by mother of Tirthankar (Jaina- Lord). तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में एक स्वप्न ; मछलियों का एक जोड़ा “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मत्स्ययुगल – Matsyayugala. A pair of fish – a dream seen by mother of Tirthankar (Jaina- Lord). तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में एक स्वप्न ; मछलियों का एक जोड़ा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मनाभ: Past-birth name of Lord Chandraprabhu, Father’s name of Chakravarti, Harishen, Another name of Ramchandraji. पूर्व धातकीखं डमें मंगलावती देश के रत्नसंचय नामक नगर कमे राजा कनकप्रभ का पुत्र, जो कि समाधिपूर्वक वैजयन्त विमान में अहमिन्द्र हुआ यह चन्द्रप्रभु भगवान के पूर्व का दूसरा भव है जिसमें उन्होंने तीर्थकर प्रकृति का बंध किया था…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति परोदय – Prakrti Parodaya. Karmic nature which binds in the fruition of other Karmic nature. ऐसी कर्म प्रक्रतियां (११) जिनका पर के उदय में बंध होता हैं “
चक्रवर्ती Universal monarch, world conqueror, emperor. चक्ररत्न का स्वामी . यह षट्खण्डाधिपति , दिग्विजई, ३२ हजार राजाओं का अधिराजा , १४ रत्नों , ९ निधियों का तेजस्वी अधिपति होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिकेतु – Maniketu. The name of a very small comet & of a deity. एक बहुत छोटा पुच्छल तारा , एक देव जिसने स्वर्ग में की गई प्रतिज्ञानुसार युक्ति पूर्वक सगर चक्रवर्ती के पास जाकर उन्हें वैराग्य धारण कराया था “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्कांत– Yashsankat. Name of a deity of a summit of Manushattar mountain. मनुषोत्तर पर्वत के एक कूट का देव”
गृहस्थाश्रम The life of householder leading worldly life. चार आश्रमों में एक; इस आश्रम में विवाह के बाद गृहस्थ समाज सेवा के कार्यों में प्रवृत्त होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदसमास: A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान के 20 भेदो मे छठा भेद, इससे पूर्व समास पर्वत समस्त द्वादषांग श्रुत स्थित है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषय विराग – Vishaya Viraga. Renunciation of sensual enjoyments. पाँचों इन्द्रियों के सब शुख की अभिलाषा का त्याग विषय विराग है “