सम्यक्तव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव – Samyaktva. Right faith or right belief. प्रमाण के द्वारा जाने हुए तत्वो का श्रद्वान। देखे- सम्यग्दर्शन।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव – Samyaktva. Right faith or right belief. प्रमाण के द्वारा जाने हुए तत्वो का श्रद्वान। देखे- सम्यग्दर्शन।
आराधना सार समुच्चय A book written by ‘Acharya Ravichandra’. आचार्य रविचन्द्र (ई.श.12-13) द्वारा रचित एक चतुर्विध आराधना विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चिदानंद Supernatural enjoyment, bliss. एटीएम अनुभव या आत्मा का आनंद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मेदशिखर – Sammedashikhara. The eternal & great reverential place of pilgrimage of Jains, which is the salvation place of 20 Tirthnkars (Jaina Lords) of the present era. शाश्रत तीर्थराज; अनादिकाल से अनंत तीर्थकरो की निर्वाणभूमि एंव वर्तमान चैबीसी मे भगवान आदिनाथ, वासुपूज्य, नेमिनाथ और महावीर को छोड़कर शेष बीस तीर्थकरो की निर्वाणभूमि। इस महान…
छंदन Observance according to the will of spiritual teacher-’Acharya’. ग्रहण किए हुए पुस्तक आदि उपकरणों में , विनय के काल में , वंदना- सूत्र के अर्थ को पूछना इत्यादिक में आचार्य आदि की इच्छा के अनुकूल वर्तना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुदघात – Samudghaata. Extrication of soul-points from the body without leaving the body, there are 7 kinds of it. वेदना आदि के निमित्त से मूल शरीर को नही छोड़ते हुए जो जीव के कुछ आत्मप्रदेष शरीर से बाहर निकलते है उसे समुद्धात कहते है। इसके 7 भेद है- वेदना, मारणान्तिक, वैक्रियिक, तैजस, आहारक और…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भीष्म पितामह – Bhishma Pitamaha. A great warrior of Mahabharat. धृतराज के भाई, महाभारत के प्रमुख पात्र, अपरनाम- गांगेय “
चित्प्रकाश Spiritual consciousness. सवसंवेदन, अंतर्मुखचित्प्रकाश दर्शन है एवं बहिर्मुख चित्प्रकाश ज्ञान है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्पाद पूर्व First early canon of Jaina, a type of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुत ज्ञान के 14 पूर्वों में से प्रथम पूर्व जीव पुद्गल आदि का जहाँ जब जैसा उत्पाद होता है उस सबका वर्णन जिसमें हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]