तीव्र कायाभिनिवेश!
तीव्र कायाभिनिवेश Intense sex desire. काम क्रिया के प्रति तीव्र इचदा होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तीव्र कायाभिनिवेश Intense sex desire. काम क्रिया के प्रति तीव्र इचदा होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रनुकंपा–Mishranukanpa. A type of compassion. अनुकम्पा के तीन भेदो में एक भेद; अणुव्रती अर्थात् गृहस्थो पर जो दया की जाति है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगावती– Mragavati. Mother’s name of 1st Narayan Triprashth. प्रथम नारायण ‘त्रिपृष्ठ’ की माता का नाम” वैशाली के राजा चेटक की 7 पुत्रियों में से एक भगवान् महावीर की मौसी”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचव्रत – Panchavrata. Five kinds of vows-non-violence, truth, non-stealing, celebacy, non-possession. अहिंसा, सत्य, अचौर्य,ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह यें पांच महाव्रत है”
तीर्थंकर बेला व्रत A type of fasting with particular procedure in the regard of all 24 Tirthankars (Jaina-Lord). विधिपूर्वक24 तीर्थकरों के दो – दो उपवास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विराग – Viraga. Aversion from the worldly attachments, Indif-ferent. विरक्त होने का नाम विराग है ” सांसारिक वासनाओं के प्रति उदासीनता, राग से मुक्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमकाल – Panchamkaala. Fifth regressive period of half universal cycle (Avasarpini kal). अवसर्पिणी का पंचम दुखमा काल, जिसमें तीर्थंकर आदि विशिष्ठ पुण्यात्माओं का जन्म नहीं होता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाइम – Vaaima.: A type of knitted material (as clothes,filter articles etc.) द्रव्य निक्षेप का एक भेद “बुनने रूप क्रिया से सिद्ध हुए सूप ,चालनी ,कम्बल ,वस्त्र आदि द्रव्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुनंदि श्रावकाचार– Vasunandi Shraavakaachaara.: Name of a treatise written by Acharya Vasunandi. आचार्य वसुनंदि (ई. 1068 – 1118) कृत प्राकृत गाथाबद्ध ग्रन्थ”