गोत्र कर्म प्रकृति!
गोत्र कर्म प्रकृति Status determining Karmas. जिस कर्म के उदय से जीव उच्च और नीच कहा जाता है या उच्च-नीच कुल में उत्पन्न होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गोत्र कर्म प्रकृति Status determining Karmas. जिस कर्म के उदय से जीव उच्च और नीच कहा जाता है या उच्च-नीच कुल में उत्पन्न होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकफालक Single piece clothed, Loin clothed ascetics. एक कोपीन धारण करने वाले ऐलक एंव एक साड़ी धारण करने वाली आर्यिका।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुल्म सेना का एक अंग जिसमें ९ रथ, ९ हाथी, ४५ पैदल और २७ घोड़े रहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकालापक A type of entertainment, one answer for two questions. मनोरंजन का एक प्रकार, दो प्रशनों का एक ही उत्तर मांगना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणयोनि Basic place of birth (reg. body form). जीवों के शरीर ग्रहण का आधार रूप स्थान ; ये गुणों की अपेक्षा ९ प्रकार की होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशुध्दि – Bhavasuddhi. Mental purity, passionlessness. राग, द्वेष, अहंकार, आर्त व रौद्र ध्यान आदि समस्त अशुभ परिणाम से रहित होना “
गति परिणाम Nature to go upwards (pre-salvation stage). जीव की ऊर्ध्वगति के स्वभाव का एक भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्रम – Prakrama. Sequence, A type of Karmic matter, a type of Anuyogdvar. क्रमबध्द, कार्माण पुद्ग्ल प्रचय को प्रक्रम कहते हैं, अग्रायणीयपूर्व की कर्मप्रक्रति वस्तु का ८ वां अनुयोग्द्वार “
गणधर कीर्ति Disciple of Acharya kuvalayachandra. ई. सन् ११३२ में आचार्य कुवलययन्त्र के शिष्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गजदन्त Mountains having the shape of elephant teeth. विदेह क्षेत्र में सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में सुमनस, विद्युतप्रभ, माल्यवान, गंधमादक नामक चार गजदंताकार पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]