पद्मासन!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मासन:A Posture of meditation, Specific sitting posture related to Yoga. ध्यान का आसन सीधे बैठकर बायां पैर दाहिनी जांघ पर व दाहिना पैर बांई जांघ पर रखकर बाएं हाथ की हथेली पर दाहिने हाथ की हथेली रखना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मासन:A Posture of meditation, Specific sitting posture related to Yoga. ध्यान का आसन सीधे बैठकर बायां पैर दाहिनी जांघ पर व दाहिना पैर बांई जांघ पर रखकर बाएं हाथ की हथेली पर दाहिने हाथ की हथेली रखना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाख्यात विहार-शुद्धिसंयत–Yathakhyat Vihar–Shuddhi Sanyat. Those at the 11th, 12th, 13th or 14th stages of spiritual development. 11, 12, 13, 14वे गुणस्थान में पाये जाने वाले जीव यथाख्यात विहार शुद्धि संयत कहलाते है” अथवा जो यथाख्यात चारित्र वाले होते हुए शुद्धि प्राप्त संयत है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवेगा – Manovegaa. Name of a ruling female demigod of Lord Chandraprabhu. तिलोयपण्णत्ति के अनुसार भगवान चंद्रप्रभु की शासन यक्षिणी देवी ” इनका प्रसिद्द नाम ज्वालामालिनी देवी है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव कषाय – Bhava Kasaya. Psychical passion. मन में कषाय होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्म (देव) – Brahma (dev). A type of Kalpavasi deities. कल्पवासी देवों का एक भेद, ५ वें स्वर्ग के देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावि नैगमनय – Bhavi Naigamanaya. Wrong implication of something in present which is going to occure in future. एक नय; जो पदार्थ अभी अनिष्पन्न है,और भावि काल में निष्पन्न होने वाला है, उसे निष्पन्नवत कहना-अर्थात् जो बात आगे होगी उसको वर्तमान में कहना, जैसे अर्हत को सिध्द कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वारुणी धारणा – Vaarunii Dhaaranaa.: A specified super conception of deep meditation. पिंडस्थ ध्यान की एक धारणा;इन्द्रधनुष ,बिजली ,गर्जनादि चमत्कार सहित मेघों के समूह से भरे आकाश का ध्यान करना फिर उन मेघों की बड़ी-बड़ी बूंदों को निरंतर बरसते हुए चिंतन करना ” इस बरसते हुए जल से जो आग्रेयी –धारणा में शरीर के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मपुराण : Title of many books written by many Acharyas. आचार्य रविषेण (ई0 677) द्वारा राम-रावण कथा पर रचित संस्कृत पद्यबद्व एक ग्रंथ, और भी कई आचार्यो क्षरा इस नाम के ग्रथ रचे गये है।