रौप्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रौप्य – चांदी। Raupya-Silver
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थापना मंगल – Sthaapanaa Mamgala. Idols of lord arihant (artifical & natural form)जिन भगवान के जो अकृत्रिम और कृत्रिम प्रतिबिम्ब है, वे सब स्थापना मंगल हे।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोदेव – यषास्तिलकचम्पू के कत्र्ता सोमदेव के दादा गूरू और नेमिदेव के गुरू। समय ई – 918 – 943। Yasodeva-The writer of Yashastilakchampu
चल्लितापि A river of Bharat Kshetra in Arya Khand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तवाराधना – Samyaktvaaraadhanaa. Enlightenment of right faith. आराधना के दो भेद (सम्यक्तवाराधना और चारित्राराधना) मे प्रथम भेद, सम्यग्दर्षन का यथायोग्य रीति से उद्योतन करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग लोकेषणा – षुभ कर्मो से पुण्य की चाह। Ragalokesana- longing for virtuous life by auspicious karmas
चेदि An area of ‘Malwa’ near to ‘Chanderi’, A country of Bharat Kshetra in Arya Khand (region), A city situated at Vindhyachal. मालवा प्रांत की चंदेरी नगरी के समीपवेरती एक प्रदेश , भरतक्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश , केरल का प्राचीन नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीवेद कर्म प्रकृति – Striveda Karma Prakrti Karmic nature causing sexual desire in woman.देखे- स्त्रीवेद। नो कषाय का एक भेद जिसके उदय से पुरुष से संयोग की याह हो।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोम – शरीर के समस्त छिद्रो मे स्थित सूक्ष्म बाल।आदारिक षरीर में रोमो का प्रमाण 80,000,00 करोड है। Roma-Small hair in the pores in the body