तैजस शरीर बंध!
तैजस शरीर बंध A kind of bond of lustrous molecules (reg. body). 5 प्रकार के बंधन नामकर्म के भेदों में एक भेद, गृहीत तैजस पुद्गल स्ंकधों का परस्पर मिल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस शरीर बंध A kind of bond of lustrous molecules (reg. body). 5 प्रकार के बंधन नामकर्म के भेदों में एक भेद, गृहीत तैजस पुद्गल स्ंकधों का परस्पर मिल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चातुर्मासिक प्रतिक्रमण See – Caturmåsika Pratikrama¿a. देखें-चतुर्मासिक प्रतिक्रमण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष भाव विधान – Sparssana Bhaava Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
दत्ति Four types of Donation. दान, इसके 4 भेद हैं – दयादत्ति, पात्रदत्ति , समदत्ति , अन्वय दत्ति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघनाद–Meghnad. Son of the king ‘Meghvahan’ of Gaganvallabh city, Past birth name of the 1st chief disciple of Lord Shantinath, A son of Ravan. गगनवल्लभ नगर के राजा मेघवाहनका पुत्र, शांतिनाथ भगवान् के प्रथम गणधर के छठे पूर्वभव का जीव, रावण का पुत्र (अपरनाम–इन्द्रजीत)”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष क्षेत्र विधान – Sparssa Ksetra Vidhaana. A type of anyyogdwar (disquisition door), contact of matters with atmosphere.देखे- स्पर्श अंतर विधान, जो द्रव्य एक क्षेत्र के साथ स्पर्ष करता है वह सब एक क्षेत्र स्पर्श है।
त्रिलक्षणत्व Substances having three factors (origination, destruction and continuity). द्रव्य जो उत्पाद , व्यय, ध्रौव्य तीन लक्षणात्मक होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शेषवती – Sheshavatee. Name of female divinity of Ruchak mountain. रुचक पर्वत निवासिनी दिक्कुमारी देवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल -स्थूल – Sthuula-Shuula. Solid materials (which can not be rejoined on breaking).स्कंध के 6 भेदो मे अंतिम भेद। जो स्कंध टूटने पर स्वंतः नही जुड़ सकते ऐसे काष्ठ, पत्थर आदि।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुभुक्षा काल – Bubhuksa Kala. Period of hunger. भिक्षा योग्य एक काल; भूख की तीव्रता , मन्दता एंव स्वास्थ्य आदि का विचार करना “