ऐनिद्रयक!
ऐनिद्रयक Empirical, Sensory. इन्द्रिय से संबंध रखने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैमानिक देव –VAimanika Deva. Heavenly or celestial deities. सोलह स्वर्ग के निवासी देव ” जो विमानों से उत्पन्न होते है वे वैमानिक कहलाते हैं ” कल्पवासी और क्ल्पतित इनके २ भेद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न निमित ज्ञान – Svapna Nimitta Jnnaana. Knowledge caused due to dreams.स्वप्न के माध्यम से शुभशुभ को जान लेना स्वप्न निमित ज्ञान कहलाता है।
जिनस्तुतिशतक Religious hymns written by Acharya Samant-bhadra and by Acharya Vasunandi. आचार्य समन्तभद्र (ई.श.२) एवं आचार्य वसुनन्दि (ई. १०४३-१०५३) कृत इस नाम के अलग-अलग स्तोत्र । ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वदार संतोष – Svadaara Sanntosa. Satisfaction with own wife.अपनी विवाहित स्त्री मे ही संतुष्ट रहना और शेष स्त्रियो के प्रति माता, बहन, पुत्रीवत् निर्मल भाव रखना। इसे ब्रह्मचर्याणुव्रत भी कहते है।
उत्पाद पूर्व First early canon of Jaina, a type of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुत ज्ञान के 14 पूर्वों में से प्रथम पूर्व जीव पुद्गल आदि का जहाँ जब जैसा उत्पाद होता है उस सबका वर्णन जिसमें हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जयमित्रहल Name of the writer of ‘Mallivah Kavva’. अपभ्रंश कवि , ‘ मल्लीवाह कव्व ‘ के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वचारित्र – Svacaaritra. Super right conduct.स्वरुपाचरण चारित्र अथवा वीतराग चारित्र का अपरनाम। 7वे गुणस्थान के अंत से इस चारित्र का प्रारम्भीकरण होता है।
जयवान् Name of the 5th saint among 7 particular saints (Saptarishis). सप्तऋषियों में ५वें ऋषि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]