पार्श्वनाथचरित्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथचरित्र – Parsvanathacaritra. A book written by Acharya Vadiraj- 2. आचार्य वादिराज द्वितीय (ई. सन् १०२५) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथचरित्र – Parsvanathacaritra. A book written by Acharya Vadiraj- 2. आचार्य वादिराज द्वितीय (ई. सन् १०२५) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष – Vishesha. Special, Peculiar, Particular, Distinctive. समान भाव को सामान्य और उससे अन्य अर्थात् विसमान भाव को विशेष कहते हैं ” व्याव्रती अर्थात् भेद की बुध्दी उत्पन्न करने वाला विशेष हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वप्पिला – Vappilaa.: Mother’s name of Lord Naminath. तीर्थंकर नमिनाथ की माता का नाम ” अपरनाम वर्मिला “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीजमान – Bijamana. Measuring means for cereals or grains. धान्य मापने के कुडवं आदि बिजमान कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलव्रतेष्वनतिचार – Sheelavrateshvanatichaara. Strictly following of virtuous & moral conduct (one of the 16 particular volitions causing Tirthankar Prakriti). तीर्थंकर प्रकृति के बंध में कारणभूत 16 कारण भावनाओं में तीसरी भावना; शीलव्रतों का निरतिचार पालन करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावसेन त्रैविध – Bhavasena Traividya. Name of a famous Acharya, who wrote number of books. मूलसंघ सेनगण के नैयायिक विद्वान आचार्य (ई.श. १३ का मध्य) सिध्दान्तसार, प्रमाप्रमेय, कातंत्र रूपमाला आदि अनेक ग्रंथ रचे “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा वैखरी – Bhasha Vaikhari. Language audible. शब्द्द्वैतवादी द्वारा माने गये वाणी के चार भेदों में एक भेद; कर्ण इद्धिय ग्राह्रा पर्याय स्वरूप द्रव्य वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोइंद्रियावरण कर्म – Noindriyaavarana. Karmas obscurring man (internal feelings). मन पर आवरण करने वाला कर्म “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रांकुशा –Vajraankushaa: Name of a super power. एक विद्या “