स्वसंवेदन!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेदन – Svasammvedana. Self experience or intuition. आत्मानुभव, आत्मज्ञान।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेदन – Svasammvedana. Self experience or intuition. आत्मानुभव, आत्मज्ञान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवातिैक – आचार्य अकलंक देव द्वारा तत्वार्थसूत्र गं्रथ पर की गई विस्तृत संस्कृत वृत्ति। Rajavartika-name of a treatise written by Acharya Akalank dev
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यग्दृष्टि : == भूयत्थमस्सिदो खलु, सम्माइट्ठी हवइ जीवो। —समयसार : ११ जो भूतार्थ अर्थात् सत्यार्थ शुद्ध दृष्टि का अवलम्बन करता है, वही सम्यग्दृष्टि है। जं कुणदि सम्मदिट्ठी, तं सव्वं णिज्जरणिमित्तं। —समयसार : १९३ सम्यग्दृष्टि आत्मा जो कुछ भी करता है, वह उसके कर्मों की निर्जरा के लिए ही…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णकूला कुंड – Svarnakuulaa Kumda. Name of a pond situated in Hairayavat region. हैरण्यवत क्षेत्रस्थ एक कुंड।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्तोदा (कुंड) – 1 – 32 विदेहो में गंगा सिन्धु आदि 64 नदियो में रक्तोदा नदी का कुंड जो नील व निशध पर्वत के मूल भाग में स्थित है, 2 – ऐरावत क्षेत्र में स्थित एक कंुड जिसमे रक्तोदा नदी गिरती है। Raktoda (Kumda)-Name of wide mouthed pools
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वर निमित ज्ञान – Svara Nimitta Jnnaana. Inferential knowledge caused due to have voice of beings. मनुष्य व तिर्यचो के विचित्र शब्दो को सुनकर शुभाषुभ को जान लेना स्वर निमित्त ज्ञान कहलाता है। देखे-स्वर।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्ता (देवी) – रक्ता कुंड व रक्ताकूट की स्वामिनी देवी। Rakta (Devi)-Name of the female ruling deity of Raktakund & raktakuta
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैताढय –Vaitadhya Another name of Vijayardhmountain, Range of some particular mountains in the middle of HaimvatKshetra (region) etc. विजयार्ध पर्वत का अपरनाम, हेमवत आदि अन्य क्षेत्रो के मध्य शब्दवान आदि कुटाकार पर्वत भी वैताढय कहलाते है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंशोधक – Svayammsodhaka. One who repents himself for his faults, not before the preceptor (it is an infraction). प्रायष्चित देने से पूर्व ही स्वंय प्रायष्चित लेने वाला स्वंय शोधक कहलाता है (यह एक अतिचार है)।