तैजस शरीर नामकर्म प्रकृति!
तैजस शरीर नामकर्म प्रकृति A type of Karmic nature causing lustre in body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाओं का आकर्षण तैजस शरीर बनने के लिए हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस शरीर नामकर्म प्रकृति A type of Karmic nature causing lustre in body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाओं का आकर्षण तैजस शरीर बनने के लिए हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्ति – Shukti Name of a city of Bharat Kshetra (region). भरत क्षेत्र के शुक्तिमती नदी पर स्थित एक नगर “
एकदेश विरति Limited abstinence. देशव्रत- पापों का स्थूल रूप से त्याग करना(पंचम गुणस्थानवर्ती जीव)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तुलिंग A country of Bharat ksherta in Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेधा–Medha. Mental power, Intelligence, judgement power. बुद्धि, धारणा शक्ति, जिसके द्वारा पदार्थ जाना जाता है उस अवग्रह का नाम मेधा है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचांग – Panchaanga. Five body organs, to bow down with bending both hands, knees & head, a method of paying reverential greetings. पाँच अंग–दोनों हाथ, दोनों घुटने व मस्तक को झुकाकर नमस्कार करना पंचांग नमस्कार कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावानंत – Bhavanamta. A kind of infinity. अनंत का एक भेद; यह आगम और नोआगम की अपेक्षा दो प्रकार का है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचना – Vaachanaa.: Studying, reading & explaining of religious books. स्वाध्याय के 5 भेदों में एक भेद ;निर्दोष ग्रन्थ पढना ,सुनना या योग्य पात्र को सुनाना “
तिलोयपण्णत्ति A book written by Acharya Yativrishabh. आचार्ययतिवृषभ (ई. 143- 173)द्वारा रचित करणानुयोग का प्राकृत गाथाबद्ध अति प्राचीन प्रामाणिक ग्रंथ , जिसमें तहन लोक का विस्तृत वर्णन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक्यप्रतिक्रमण – Vaakyapratikramana.: A kind of repentance (pronouncing for the committed faults). किए हुए अतिचारों एवं सूत्रों का उच्चारण करना “