प्रकाशन!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकाशन – Prakashana. Publication, Making known. पुस्तक आदि को छापना, किसी विषय को प्रकाश में लाना, विभिन्न माध्यमों से धर्म की प्रभावना करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकाशन – Prakashana. Publication, Making known. पुस्तक आदि को छापना, किसी विषय को प्रकाश में लाना, विभिन्न माध्यमों से धर्म की प्रभावना करना “
द्विसंधान महाकाव्य A treatise written by Dhananjaya. पाण्डव चरित्र पर धनन्जय कवि द्वारा रचित एक ग्रंथ। जिसमें रामायण और महाभारत दोनों कथाओं से संबंधित अर्थ निकलता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आरम्भकोपदेश Giving suggestion to rise from unnecessary violece. खेती आदि करने वालों को पृथ्वी, जल, अग्रि, पवन आदि के आरंभ का उपाय बताना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाणकल्याणक – Nirvaanakalyaanaka. Holy event of salvation of Lord – Arihant. पंचकल्याणकों में एक कल्याणक; तीर्थंकरों के निर्वाण के अवसर पर देवों द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव “
इ The third vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का तृतीय स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
फण Expanded snake hood. नाग का फैला हुआ फण, वर्तमान में पार्शवनाथ भगवान की प्रतिमा को मस्तक पर फैले नाग के फण से पहचाना जाता है। भगवान महावीर ने बाल्यावसथा में नाग के फण पर निर्भयता पूर्वक क्रीड़ा करने से संगमदेव द्वारा महावीर नाम प्राप्त किया था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वर्तना – Nirvartana. Accomplishment. निष्पादन या रचना “
आस्तिक्य An attribute of right perception i.e. having religious faith. सम्यग्दर्शन का एक गुण-परलोक पुण्य – पाप आत्मा परमात्मा में श्रद्धा रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिन्दुसार – Bimdusara Father’s name of the Magadha emperor, Ashok. मगध सम्राट् अशोक के पिता का नाम ” समय – जैन के अनुसार ई.पू . ३०२-२७७; लोक अनुसार ई.पू. २९८-२७३ “
आशाधर A great writer of Anagardharmamrita. ई.सन् 1173-1243 में जिन्होंने अनगारधर्मामृत प्रधान कृति की रचना की।[[श्रेणी:शब्दकोष]]