आचार्य श्री शांतिसागर जी – ऐतिहासिक सल्लेखना के छत्तीस दिनों की बोलती जुबानी
''आचार्य श्री शांतिसागर महाराज की'' ऐतिहासिक सल्लेखना के छत्तीस दिनों की बोलती जुबानी समाधिमरण-सल्लेखना क्या और क्यों ? महाराज श्री के नेत्रों में काँच-बिन्दु का रोग हो जाने से नेत्रों की ज्योति मंद होती जा रही थी। तब उन्होंने विचार किया कि देखने की शक्ति नष्ट होने पर ईयासमिति नहीं बनेगी, भोजन की शुद्धता का...