मोक्षमार्गता में संस्कार की महत्ता!
मोक्षमार्गता में संस्कार की महत्ता प्रतिष्ठाचार्य पं. विमलकुमार जैन सोंरया प्रियाद् भव संस्कार (प्रसूति होने पर) जिस दिन संतान का जन्म हो उसी दिन जात कर्म रूप मंत्र व पूजन का बड़ा भारी पूजन विधान किया जाता है। चूंकि जन्म का १० दिन का सूतक होता है। अत: अन्य गृहस्थाचार्य जिसे सूतक न लगा हो…