आचार्य उमास्वामी एवं उनका तत्त्वार्थसूत्र!
आचार्य उमास्वामी एवं उनका तत्त्वार्थसूत्र ‘‘तत्त्वार्थसूत्र’’ के रचयिता आचार्य उमास्वामी मूलसंघ के चमकते हुए रत्न थे। भगवद् कुन्दकुन्दाचार्य के पश्चात् वही एक ऐसे आचार्य हैं जो प्राचीन और सर्वमान्य हैं। भगवद् कुन्दकुन्द के समान उमास्वामी भी दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों ही सम्प्रदायों को मान्य हैं। दिगम्बर जैन उनका भगवत् कुन्दकुन्द का वंशज मनाते हैं। भगवान…