आधुनिक संदर्भ में ‘सामायिक’ की उपादेयता!
आधुनिक संदर्भ में ‘सामायिक’ की उपादेयता ‘सामायिक’ जैनधर्म की एक मौलिक अवधारणा है जिसमें संपूर्ण जैन दर्शन का सार समाहित है। यदि यह पूछा जाए कि एक शब्द में भगवान् महावीर का धर्म क्या है तो इसका उत्तर होगा— ‘सामायिक’। प्राचीन काल से ही ही ‘सामायिक’ करने की परम्परा संपूर्ण जैन समाज में चली आ…