आचार्यश्री द्वारा लिखाया गया समाज को पत्र – कुंथलगिरि, ता.-२४.८.५५ स्वस्ति श्री सकल दिगम्बर जैन पंचान, जयपुर! धर्मस्नेहपूर्वक जुहारू। अपरंच आज प्रभात में चारित्रचक्रवर्ती १०८ परम पूज्य श्री शांतिसागर जी महाराज ने सहस्रों नर-नारियों के बीच श्री १०८ मुनिराज वीरसागर जी महाराज को आचार्यपद प्रदान करने की घोषणा कर दी है अतः उस आचार्यपद प्रदान…