रूति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूति – अभिरूचि, प्रेम, तत्वार्थ के विशय में तन्मयपना। Ruci-Interest, devotion, spiritual, Attachment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूति – अभिरूचि, प्रेम, तत्वार्थ के विशय में तन्मयपना। Ruci-Interest, devotion, spiritual, Attachment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधुसेन – Saadhusena. The 38th chief disciple of Lord Rishabhnath. तीर्थकर ऋषभनाथ के 38 वें गणधर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नद्वीप – राक्षसवंषी भानुरक्ष के दारा बसाया गया एक नगर। Ratnadvipa- Name of a city
एक क्षेत्रावगाह Occupency of matters (at a common space), A relation of togetherness. एक- संबंध – एक स्थान पर साथ रहने वाले द्रव्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ सत्य:Ultimate truth, Transcendental realm of truth. अंतिम सत्य, परम सत्य ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्त्यानुषासत – आचार्य समन्तभद्र कृत सस्कृत में 64 ष्लोक ष्लोक प्रमाण स्तोत्र। Yuktyanusasana- name of a book written by acharya samantbhadraji
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधक श्रावक – Saadhaka Shraavaka. A type of householder (votary) who renounces all the attachments (from body, food etc.) for holy death (samadhi). श्रावक के तीन भेदो मे एक भेद। जो श्रावक जीवन के अंत मे शरीर, आहार आदि से ममत्व छोड़कर आत्म शुद्वि के लिए समाधिमरण की साधना करता है। उत्कृष्ट श्रावक के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयविघान – एक पूजा ग्रथ जिस पर पं आषाघर (इ्र, 1173 – 1243) ने सेस्क्रत में टीका लिखी है। Ratnatrayavidhana- Name of a worshipping book
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात स्वप्न – Saata Svapna. Seven dreams (seen by Narayan’s mother and by king shreyans). नारायण की माता के 7 स्वप्न- सूर्य, चन्द्रमा, दिग्गजों द्वारा लक्ष्मी का अभिषेक, आकाश से नीचे आता विमान, दैदीप्यमान अग्नि, रत्न राषि, मुख मे प्रवेष करता सिंह। राजा श्रेयांस के 7 स्वप्न- सुमेरु पर्वत, आभूषण से सुशेभित कल्पवृक्ष, किनारा…