पृथिवि (नरक)!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि (नरक) – Prthivi (Naraka). Earths of 7 Hells. सात नरकों की सात पृथिवियाँ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि (नरक) – Prthivi (Naraka). Earths of 7 Hells. सात नरकों की सात पृथिवियाँ “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == वेषभूषा : == वेषोऽपि अप्रमाण:, असंयमपदेषु वर्तमानस्य। किं परिर्विततवेषं, विषं न मारयति खादन्तम्।। —समणसुत्त : ३५६ (संयम मार्ग में) वेश प्रमाण नहीं है, क्योंकि वह असंयमीजनों में भी पाया जाता है। क्या वेश बदलने वाले व्यक्ति को खाया हुआ विष नहीं मारता ?
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णकूला कंूट – Svarnakuulaa Kuuta. Name of the 7th summit of Shikhri mountain. शिखरी पर्वतस्थ 7वां कूट।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावभावक भाव – Bhavabhavaka Bhava. A relation between soul & result oriented Karmas. संबंध; आत्मा एवं फल देने की सामर्थ्य से युक्त कर्म एवं आत्मा, दोनों में भाव-भावक भाव है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुतप – Bahutapa. See – PrasaritaBahu Tapa. देखें – प्रसारीत बाहु तप “
एसोदसव्रत A type of fasting with specified procedure. क्रम से 1 से लेकर 11उपवास करना फिर एक हानि क्रम से 10 से लेकर 1 उपवास तक करना, बीच में 1-2 पारणा करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्वीपार्धचक्रवाल Name of Manushottar mountain. मानुषोत्तर पर्वत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशलेषण – Vishleshna. Analyssis, Disintegration. व्याख्यान या विवेचन करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर – Svara. Voice, tone, tune, musical notes. शब्द। अष्टांग निमित्तज्ञान का एक भेद, यह दो प्रकार का होता है- दुःस्वर और सुस्वर। इनसे इष्ट और अनिष्ट पदार्थ के प्राप्त होने का संकेत प्राप्त होता है। संगीत कला से सम्बन्धित मध्यम, ऋषभ, गांधर, षड्ज, पंचम, धैवत और निषात 7 स्वर । ये आरोही और…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैनयिक –Vainayika. A part of Shrutgvan (scriptural knowledge).Containing description of politeness. अंगबाह्य श्रुतज्ञान का पांचवा अंग, इसमे ५ प्रकार के विनयों का कथन हैं “