भावार्थ दीपिका!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावार्थ दीपिका – Bhavartha Dipika. A commentary book written by Pandit Shivjit. पं. शिवजित (वि. १८१८) कृत भगवती आराधना की भाषा टीका “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावार्थ दीपिका – Bhavartha Dipika. A commentary book written by Pandit Shivjit. पं. शिवजित (वि. १८१८) कृत भगवती आराधना की भाषा टीका “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परलोक:Alien world- heaven, supreme place of salvation.उत्कृठचिदानंद शुद्व स्वभावी आत्मा का लोक। व्यवहारनय से स्वर्ग मोक्ष को परलोक कहते हैं।
उदीचीन Northern. उत्तर दिशा की ओर मुड़ा हुआ उत्तर दिशा से सम्बन्ध रखने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसिद्धि – Sansiddhi. Completion of any work. किसी कार्य का निष्पन्न या पूर्ण होना ” सिद्ध, साधित, आराधित और संसिद्धि शब्द एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लवणसागर – मध्यलोक का प्रथम सागर खारे जल वाला होने से इसका नाम लवणोदधि है। Lavanasagara- The first ocean of middle universe, containing salty water
ऋषिदास An Anuttaropapadak, who takes birth in the space craft (Anuttar) in the era of Lord Mahavira. भगवान महावीर के शासन में अनुत्तर विमान में जन्म लेने वाले मुनि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसंवेग संम्पन्नता – तीर्थकर कर्मबंध का छठा कारण रत्नत्रय जनित हर्श का नाम लब्धिसंवेग है। Labdhisamvega Sampannata-A kind of super enjoyment pertaining to Tirthankar (Jaina-Lord)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य – Saamaanya. General, common, ordinary, normal. समान अर्थात् एकता का भाव सामान्य है। द्रव्य, सामान्य, उत्सर्ग, अनुवृत्ति, सत्ता, सत्व, सत् अन्वय, वस्तु, अर्थ, विधि, अविशेष ये सब एकार्थवाचक शब्द है।
ऋद्धि Supernatural power, Miraculous success. तपश्चरण के प्रभाव से कदाचित् किन्हीं योगीजनों अर्थात् महामुनियों को कुछ चमत्कारिक शक्तियाँ प्राप्त हो जाना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त योनि – Sachitta Yoni. Female genital organ. गुण योनि के 9 भेदों में एक भेद; जीव की उत्पत्ति का सचित्त स्थान “