04.झण्डारोहण गीत-2
झण्डारोहण गीत तर्ज-जनगणमन.......... जन-जन के हितकारी हो प्रभु, युग के आदि विधाता। ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम ही, वृषभेश्वर जग त्राता।। तुमने जन्म लिया जब, कण-कण धन्य हुआ तब। इन्द्र सिंहासन डोला, मेरु सुदर्शन पांडु शिला पर, सबने जय जय बोला। जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।1।। नाभिराय मरुदेवी के नन्दन,...