गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की जन्मदात्री माँ पूज्य आर्यिका श्री रत्नमती माताजी का परिचय -आर्यिका चन्दनामती माताजी आदिब्रह्मा भगवान ऋषभदेव की जन्मभूमि अयोध्या और उसके आस-पास के क्षेत्र को भी अवध के नाम से जाना जाता है। वैसे इन प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव और उनके प्रथम पुत्र चक्रवर्ती सम्राट् भरत के समय वह अयोध्या नगरी…
श्री रत्नमतीमातु: जीवनवृत्तम् रचयित्री-ब्र.कु. माधुरी शास्त्री भरतेऽस्मिन्नार्यावर्ते, मध्येऽयोध्यापुरी व्यभात्। तत्प्रान्ते शोभते देशो, रम्य: सीतापुराह्वय:।।१।। तत्र महमूदाबादे, नगरे धर्ममण्डिते। श्रेष्ठी सुखपालनामा, तत्पत्नी फूलमती मता।।२।। तयो: स्यात् मोहिनी पुत्री, धर्मध्यानपरायणा। विद्याविनयसंपत्त्याऽलंकृता गुणभूषिता।।३।। श्रेष्ठी धन्यकुमारोऽभूत् टिकैतनगराभिधे। छोटेलालश्च तत्पुत्रो सत्संस्कारै: सुसंस्कृत:।।४।। मोहिनी तस्य भार्याभूत्, शीलसम्यक्त्वमण्डिता। स्वाध्यायजाप्यसंसक्ता, दानपूजादितत्परा।।५।। त्रयोदशसंताना: स्युस्तयोस्ते रत्नसदृशा:। पिता रत्नाकरोऽत: स्यात् माता रत्नमती च वै।।६।। ज्ञानमत्यार्यिकाया: याऽर्याभयमत्याश्च…