ध्यान.!
ध्यान माधुरी-माताजी! आज ध्यान की चर्चा जहाँ-तहाँ चलती रहती है, वह ध्यान क्या है? और उसके कौन-कौन से भेद हैं? माताजी-एकाग्रचिन्तानिरोध होना अर्थात् किसी एक विषय पर मन का स्थिर हो जाना ध्यान है। यह ध्यान उत्तम संहनन वाले मनुष्य के अधिक से अधिक अन्तर्मुहूर्त तक ही हो सकता है। इस ध्यान के आर्त, रौद्र,…