तीर्थंकरों के पूर्वभव के गुरु!
तीर्थंकरों के पूर्वभव के गुरु त्रिशला-माताजी! जैसे तीर्थंकर किसी को गुरु नहीं बनाते हैं, स्वयं दीक्षा लेते हैं, वैसे ही यदि आजकल कोई पुरुष स्वयं दीक्षा ले लेवें, तो क्या बाधा है? आर्यिका-त्रिशला! तीर्थंकर के सिवाय अन्य साधारण जनों को स्वयं दीक्षा लेने का आगम में विधान नहीं है। देखो! तीर्थंकर भी पूर्व भव में…